मुजफ्फरपुरः बिहार में इस साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और घटते-बढ़ते उमस के बावजूद एईएस यानी एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम काबू में रहा। इस साल भी हालांकि अस्पतालों में एईएस के मरीज पहुंचे, लेकिन सभी ठीक होकर वापस लौट गए।
इस साल के आंकड़ों में अभी तक किसी की मौत दर्ज नहीं है। उत्तर बिहार के बच्चों के लिए यह बीमारी पिछले कई सालों से जानलेवा साबित हो रही थी। उमस भरी गर्मी के साथ ही यह बीमारी शुरू हो जाती थी और कई बच्चों की मौत का कारण बनती थी।
जिला प्रशासन इसके लिए जागरूकता को बड़ा कारण मानता है। मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत सेन मानते हैं कि इस साल भी कई बच्चों को एईएस हुई, लेकिन सबका समय पर उचित इलाज हुआ। किसी की जान नहीं गई। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की सतर्कता और चिकित्सा महकमे की सजगता का यह परिणाम है।
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