नालंदा: एक तरफ शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए शिक्षा विभाग के मुख्य अपर सचिव केके पाठक द्वारा कड़ी मशक्कत की जा रही है. वहीं स्कूल प्रबंधन द्वारा शिक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है. समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण स्कूल में हिंदी और उर्दू विषय का मासिक परीक्षा देने आए छात्र-छात्राओं ने जमकर हंगामा किया. मामला नालंदा के सिलाव प्रखंड स्थित गांधी प्लस टू उच्च विद्यालय का है।
बीते दिन सोमवार को स्कूल में प्रबंधन द्वारा हिंदी और उर्दू के लिए मासिक परीक्षा आयोजित की गई थी. लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा बिना समुचित व्यवस्था के ही नौंवी से लेकर 12वीं के सभी छात्र-छात्राओं को बुला लिया गया. जब सभी स्टूडेंट्स पहुंचे तो विद्यालय में बैठने की जगह कम पड़ गई. पूरे विद्यालय परिसर में अफरा तफरी का माहौल बन गया. स्कूल के शिक्षकों से छात्रों ने जबरन परीक्षा का प्रश्न पत्र ले लिया। कोई स्कूल परिसर के बरामदे की सीढ़ी पर बैठ गए तो कोई विद्यालय के बाहर बगीचे में बने चबूतरा पर झुंड में बैठकर प्रश्नपत्र को हल करते देखे गए।
वहीं स्कूल में अफरा-तफरी का माहौल बन जाने पर स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई. सिलाव थाना अध्यक्ष मो. इरफान खान दल बल के साथ पहुंच कर बच्चों को समझा बुझाकर शांत कराया. विद्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मासिक परीक्षा में शामिल होने के लिए कोई भी वर्गवार रूटीन तैयार नहीं किया गया था। इसके फलस्वरूप यह स्थिति उत्पन्न हुई. जानकारी के अनुसार सोमवार को सभी वर्गों से कुल 1300 स्टूडेंट्स परीक्षा देने पहुंचे थे. वहीं स्कूल के प्रधानाध्यापक मोहम्मद मुस्ताक अहमद अंसारी से वर्गों में कुल नामांकन की संख्या पूछे जाने पर सही संख्या भी बताने में असमर्थता जाहिर की।
उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. बता दें कि इस स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही पूर्व से ही बनी हुई है. कुछ माह पूर्व एक वीडियो भी वायरल हुआ था. इसमें देखा जा रहा था कि पढ़ने आई छात्रा पढ़ाई के समय ही पढ़ाई छोड़कर बाउंड्री वाल फांदकर घर की ओर भाग रही है. इसके बाद इस स्कूल के प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षकों का शिक्षा विभाग द्वारा वेतन भी बंद किया गया था।
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