पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बिहार आ रहे हैं। रात्रि में पीएम राजभवन में विश्राम करेंगे। आठ दिनों में उनका यह दूसरा बिहार दौरा है। इस पर बिहार में सियासत गर्म हो गई है। लालू यादव, तेजस्वी यादव के बाद विकासशील इंसान पार्टी, वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दस सालों में एक बार भी रात्रि विश्राम पटना में नहीं किया। दरअसल हार के डर से इतने परेशान हो गए हैं कि बार बार आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान को लेकर पीएम का यह सातवां बिहार दौरा है।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को बिहार के दो लोकसभा क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करने वाले हैं। इसके लिए सोमवार शाम को ही पटना पहुंच जाएंगे। मंगलवार को महाराजगंज लोकसभा के गोरियाकाठी में एनडीए प्रत्याशी विजय लक्ष्मी देवी के पक्ष में वोटिंग के लिए सभा को संबोधित करेंगे। उसे बाद उनकी रैली पूर्वी चंपारण में है जहां बीजेपी के उम्मीदवार राधामोहन सिंह के लिए मतदान की अपील करेंगे। इसे पहले पीएम दिवंगत बीजेपी नेता सुशील मोदी के परिजनों से मिलने उनके घर जाएंगे। पीएम का यह सातवां बिहार दौरा है जिसे लेकर सियासत घमासान का रूप ले चुका है।
पीएम के बिहार आगमन पर मुकेश सहनी ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी ने चार चरणों के चुनावों में मतदान के आधार पर समझ लिया है कि उनके गठबंधन की हार हो रही है। दरअसल वे डरे हुए हैं और परेशान हैं और इसीलिए बार बार बिहार का रुख करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दस सालों में कभी उन्होंने पटना में रात्रि विश्राम नहीं किया। लेकिन चुनावी साल 2024 में बार बार यहां आ रहे हैं और ठहर भी रहे हैं। मुकेश सहनी ने दावा किया कि मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल सोच समझ करते हुए कर रहे हैं। देश के युवा मजबूती से मतदान कर रहे हैं। उन्हें पता है कि हमें देशभक्त बनना है ना कि अंधभक्त बनना है। देश के युवा को बीजेपी की सारी सच्चाई पता चल गई है। युवा मजबूती से इंडिया गठबंधन के साथ हैं। इससे एनडीए भय में है।
इससे पहले तेजस्वी यादव ने भी सोमवार को ट्वीट करके पीएम के बिहार दौरे पर सवाल उठाया। तेजस्वी यादव ने कहा कि हार के डर से पीएम मोदी हमे चाहे लाख गालियां दे दें लेकिन बिहार की जनता के सवालों का जवाब जरूर दें। सोशल मीडिया पर पोस्ट करके तेजस्वी ने पूछा कि दस सालों में उन्होंने बिहार से जो वादे किए थे उन्हें क्यों पूरा नहीं किया। पीएम मोदी बिहार के लोगों की अपेक्षाओं को पांच किलो अनाज से क्यों तौलते हैं?
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