बिहार: पुरवा हवा चलने से लोगों को गर्मी से राहत मिलनी शुरू हो गई है। रविवार को लगातार दूसरे दिन भी पुरवा हवा के कारण प्रचंड गर्मी में कमी आई। अप्रैल में लू के बाद मई नरम पड़ गई है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। वर्ष 2023 में मई का पहला सप्ताह काफी सर्द रहा था। पहले ही सप्ताह में 40 मिमी से अधिक बारिश हुई थी। सात मई को इस बार भी आंधी-बारिश की संभावना जताई जा रही है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले छह से 11 मई के बीच गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश के आसार है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि पुरवा हवा चलने से तापमान में गिरवाट हुई है। अगले तीन दिनों के बीच हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। इस बीच 8-10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चल सकती है। पूर्वानुमान अवधि में अधिकतम तापमान 35-36 डिग्री और न्यूनतम 20-22 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि रविवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री रहा। सुबह से दोपहर तक 3 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चली। हालांकि शाम के बाद हवा की रफ्तार बढ़कर 8 किमी हो गई। वैसे तो सुबह से आसमान में बादलों की आवाजाही शुरू हो गई थी। दोपहर में तीखी धूप निकली लेकिन बीच-बीच में बादलों ने धूप को प्रचंड होने से रोके रखा था। शाम में पुरवा हवा की रफ्तार बढ़ी तो मौसम काफी सुहाना हो गया। वहीं 2024 में अप्रैल का महीना लू से गर्म रहा है। सीएसए के अनुसार सात दिन पारा 40 के ऊपर रहा। मौसम विभाग के मुताबिक जिले में पारा 14 दिन 40 के पार रहा।
सोमवार से प्री-मानसून की बारिश होने के आसार हैं। इस दौरान तेज आंधी के साथ हल्के से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। राडार और उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों व विश्लेषण के अनुसार कोसी और उत्तर बिहार में नमी युक्त पुरवा हवा का प्रवाह बढ़ने से अधिकतर भागों में 6 से 11 मई के बीच बारिश होने की संभावना है। इस दौरान 10 से 50 मिमी बारिश हो सकती है। वहीं सतही हवा की गति 40 से 50 किमी प्रति घंटे रह सकती है। इसके अलावा मेघगर्जन और वज्रपात होने की भी संभावना है। अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को उत्तर बिहार से नमी युक्त पुरवा राज्य में प्रवेश की। इसका प्रभाव दो-तीन दिनों के दौरान पूरे राज्य में दिखेगा।
कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि बारिश होने से आम और लीची को फायदा होगा। उन्होंने किसानों को एक दो दिन इंतजार के बाद बागवानी फसलों में जरूरत के मुताबिक दवाई का छिड़काव करने की सलाह दी है ताकि कीट का प्रकोप नहीं बढ़े।
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