पटना: अपनी सख्त कार्यशैली और तुरंत एक्शन लेने वाले शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक का नया फरमान अब बच्चों के पैरेंट्स के लिए नई मुसीबत बन गया है। पाठक के नए आदेश के मुताबिक अब जिस पंचायत क्षेत्र के बच्चे हैं, उन्हें उसी पंचायत में नामांकन कराना होगा। इस आदेश को लेकर बच्चों के अभिभावकों को मुश्किल ये आ रही है कि उनकी पंचायत में जो हाईस्कूल हैं, वो ज्यादा दूरी पर है, करीब 5 किमी तक हैं। और जो स्कूल घर के नजदीक हैं, वो दूसरी पंचायत में आते हैं। जिसके चलते पास वाले स्कूल में एडमिशन अभिभावकों की मजबूरी है।
लेकिन शिक्षा विभाग के नए आदेश के मुताबिक अगर बच्चे दूसरे पंचायत के हाई स्कूल में नामांकन करवाते हैं तो उन्हें पहले अपने पंचायत के स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेना होगा, फिर डीईओ से प्रमाणित कराना होगा। इसके बाद ही दूसरे पंचायत के हाई स्कूल में एडमिशन लेना मुमकिन होगा। इस नए आदेश के चलते कुछ बच्चे दूर के स्कूलों में एडमिशन कराने के मजबूर हैं। तो कुछ पंचायतों के चक्कर काट कर ट्रांसफर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए घूम रहे हैं।
केके पाठक के नए आदेश में एक और प्रावधान है। शिक्षा विभाग ने आदेश दिया है कि स्कूल के प्रधान शिक्षक को बैठक करनी होगी। जिसमें बच्चों के पैरेंट्स टोला सेवक, तालिमी मरकज, आंगनवाड़ी सेविका और स्कूल की सहायिका भी मौजूद रहेंगी। इन सब की जिम्मेदारी अनामांकित बच्चों की खोज कर उनका नामांकन कराने की है। छह वर्ष के उम्र के बच्चों का नामांकन कक्षा एक में करने को कहा गया है। विभाग ने कहा है कि कक्षा एक से चार और छह से सात के बच्चों का नामांकन उत्तीर्ण होने के बाद एडमिशन -खुद हो जाता है, तो कक्षा पांच और आठ के बच्चों का नामांकन लिया जाता है।
केके पाठक के आदेश में डीईओ को लिए भी कार्य दायित्व दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने कहा कि प्राथमिक स्कूल से कक्षा पांच उत्तीर्ण करने वाले बच्चों का नामांकन बगल के मध्य विद्यालय में कक्षा छह में होगा। यह नामांकन कराने की जिम्मेवारी संबंधित प्राथमिक विद्यालय के प्रधान की होगी। इसी तरह मिडिल स्कूल से कक्षा आठ को उत्तीर्ण करने वाले बच्चों का नजदीक के हाई स्कूल में कक्षा नौ में नामांकन की जिम्मेवारी संबंधित मिडिल स्कूल के प्रधान की होगी। इसके लिए पूर्व में ही माध्यमिक शिक्षा के निदेशक द्वारा सभी डीईओ को दिशा-निर्देश दिया जा चुका है। विभाग ने डीईओ को निदेशक के आदेश का शत प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
बिहार के सरकारी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा संपन्न हो चुका है। बच्चों के बीच रिजल्ट का वितरण कर किया जा चुका है। शिक्षा विभाग ने नामांकन तिथि भी निर्धारित कर दी गई है। एक अप्रैल से 30 जून तक नामांकन की प्रक्रिया चलेगी। इसके लिए अभियान का नाम ‘प्रवेशोत्सव विशेष नामांकन अभियान’ दिया गया है।
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