पटना: बिहार में तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने की आशंका है। इस परीक्षा में बिहार आने वाले करीब 250 से 300 परीक्षार्थियों को हजारीबाग में हिरासत में लिया गया था. बिहार पुलिस की आर्थिक अप’राध इकाई (ईओयू) और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने इस मामले में कार्रवाई की है. अब जांच शुरू हो गई है और अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. यदि पेपर लीक होने की सच्चाई साबित होती है तो शिक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द भी किया जा सकता है। ‘
इस परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या भी अधिक है. यह परीक्षा हजारीबाग के दो होटलों में रुकवाई गई थी, जहां परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र और उत्तर रटवाए गए थे. इसके बाद, अभ्यर्थियों को पिछले दो दिनों से पढ़ाया जा रहा था. ये अभ्यर्थी बिहार के विभिन्न जिलों से हजारीबाग पहुंचे थे. शुक्रवार की सुबह को इन अभ्यर्थियों को बिहार के अपने परीक्षा केंद्र में पहुंचना था।
बिहार में इस तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा में लगभग 4 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए हैं. पहली पाली में 2,14,000 और दूसरी पाली में 1,60,000 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है. इस परीक्षा में करीब 87,709 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है. यह भर्ती प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों के लिए है।
पेपर लीक मामले की शुरू हुई जांच
इस पेपर लीक मामले की जांच शुरू हो चुकी है. पकड़े गए अभ्यर्थियों के पास से कोई भी संचार माध्यम नहीं मिला है. बताया जाता है कि हजारीबाग में हिरासत में लिए गए अभ्यर्थियों ने परीक्षा में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. बीपीएससी के सचिव ने यह कहा है कि उन्हें पेपर लीक की कोई जानकारी नहीं है.
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