पटना: बिहार में पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बीच स्कूल खोलने को लेकर शिक्षकों और छात्रों में कंफ्यूजन पैदा हो रही है। प्रशासन जहां शीतलहर को देखते हुए आठवीं तक के स्कूल बंद रखने का आदेश जारी कर रही है। वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इस फैसले को गलत बताते हुए स्कूल तुरंत प्रभाव से खोलने का आदेश जारी कर रहे हैं। शिक्षकों ने स्कूल खोल भी दिए तो वहां बच्चे पढ़ने नहीं आ रहे हैं। भयंकर ठंड में अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। इस बीच पटना के डीएम चंद्रशेखर ने केके पाठक के आदेश को दरकिनार करते हुए जिले में 25 जनवरी तक आठवीं के स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है।
दरअसल, शिक्षा विभाग और पटना डीएम के बीच स्कूलों को बंद रखने को लेकर विवाद गहरा गया है। केके पाठक ने डीएम चंद्रशेखर से कहा कि शिक्षा विभाग ने अपने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन नहीं किया, मगर जिलाधाकारी ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर धारा 144 लागू की है, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सरकार के दो विभिन्न अंगों का मामला है इसलिए पटना डीएम के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा रही है। मगर धारा 144 लगाकर सिर्फ स्कूल बंद करने का आदेश पारित करना सरासर गलत है।
दूसरी ओर, शिक्षा विभाग के आदेश के बाद पटना में मंगलवार को कई स्कूल खुले, मगर उनमें बच्चे ना के बराबर पहुंचे। यह स्थिति एक-दो नहीं बल्कि अधिकतर स्कूलों में देखने को मिली। शिक्षक तो समय पर स्कूल पहुंच गए, मगर छात्र-छात्राओं की उपस्थिति शून्य नजर आई।
इस बीच पटना जिले में डीएम चंद्रशेखर ने शिक्षा विभाग के आदेशों को दरकिनार करते हुए 25 जनवरी तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों में आठवीं तक की कक्षाओं पर रोक लगा दी है। उन्होंने कड़ाके की ठंड को देखते हुए यह फैसला लिया। हालांकि, 9वीं से ऊपर की कक्षाएं सुबह 9 से दोपहर 3.30 बजे तक चलती रहेगीं। इस आदेश के अंतर्गत प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और कोचिंग सेंटर भी बंद रहेंगे।
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