अयोध्या में प्रभु श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर कांटी के शेरना में 14 जनवरी से आयोजित नौ दिवसीय श्री रामकथा महोत्सव का समापन हो गया। इस अवसर पर शेरना गांव स्थित यज्ञ स्थल से गाजे बाजे के साथ हज़ारों रामभक्तों की टोली ने भव्य शोभायात्रा निकाल कर नगर भ्रमण किया।
शोभायात्रा में राम लक्ष्मण सीता और हनुमान बने कलाकार रथ पर सवार रहे, जगह जगह पर ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा कर रामभक्तों का स्वागत किया। शोभायात्रा में कथावाचक मनीष माधव महाराज की पालकी भी साथ चल रही थीं। रामभक्तों के हाथों में राम नाम का झंडा और श्री राम के नारों से पूरा इलाक़ा गूंज उठा। शोभायात्रा शेरना चौक होते हुए मानिकपुर चौक के रास्ते नरसंडा, नेता चौक कांटी के रास्ते पुनः यज्ञ स्थल पहुंचकर संपन्न हुई।
अंतिम दिन कथा का रसपान भक्तों को कराते हुए मनीष माधव महाराज ने कहा कि प्रभु श्री राम के जीवन का परिचय रामायण महाकाव्य से होता हैं, प्रभु के बताए गए मार्ग पर मर्यादा का पालन करते हुए चलने से जीवन धन्य होगा। उन्होंने अयोध्या में श्री राम लला के प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि सम्पूर्ण विश्व के सनातनियों को इस क्षण का इंतजार दशकों से था, जो सपना अब साकार हुआ है रामलला अपने घर में विराजमान हुए हैं।
संध्या में राघव सरकार की आरती की गई। क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता यज्ञ समापन की संध्या आरती में शामिल हुए। अंतिम दिन कथा सुनने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ी रही। हज़ारों की संख्या में जुटे श्रद्धालु भजन पर झूमते रहे। अंतिम दिन मेला की भव्यता देखने के लिए दूर-दूर से रामभक्त आए थे। भक्तों ने कथा वाचक मनीष माधव से आशीर्वाद लिया।
वहीं स्थानीय मुखिया सह मुख्य आयोजक नवीन कुमार उर्फ शशि ठाकुर ने महायज्ञ में सहयोग करने वाले और कथा में शामिल होने वाले सभी भक्तों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी के दिन अयोध्या में रामलला विराजमान हुए हैं, यह दिन पूरे भारत वर्ष के लिए गौरव का दिन है।
इस मौके पर श्रद्धालुओ ने भंडारे में महाप्रसाद भी ग्रहण किया। राम कथा महोत्सव में प्रखंड प्रमुख कृपा शंकर शाही, उपप्रमुख सरिता सोनी, पूर्व उपप्रमुख विपिन झा समेत अन्य कई जनप्रतिनिधि एवं सामजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
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