पटना: बिहार में लगातार बढ़ रही ठंड और गिरते तापमान ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. खेतों में पाला पड़ने से दलहन,तेलहन औऱ आलू की फसल खराब हो रही है. लिहाजा किसान मौसम के प्रभाव से आलू की फसल को बचाने की कोशिश में जुटे हैं. मौसम की बेरुख़ी के कारण किसान चौतरफा मार झेल रहे हैं।
तापमान में गिरावट के साथ ओस की बूंदे औऱ पड़ रहे पाला के बाद बगहा के तमाम इलाके में दलहन औऱ तेलहन के साथ साथ आलू की फसल के लिए अच्छा संकेत नहीं है. खेतों में सुबह शाम पाला जमा देख किसानों के सर्दियों में भी पसीने छूट रहे हैं. हालांकि चम्पारण में खेती अच्छी हुई है. हर किसान क़रीब क़रीब 2 से 4 एकड़ में दलहन, तेलहन के साथ साथ आलू की खेती किये हुए हैं. पारे का यही उतार-चढ़ाव आलू की फसल के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो रहा है।
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि खेतों में पाला जमने से आलू की पैदावार प्रभावित होती है. दिन में धूप निकलने से आलू की फसल की आल मुरझा जाती है और आलू का साइज बढ़ने से रुक जाता है जिससे उसकी गुणवत्ता कमजोर पड़ जाती है. किसानों को चिंता सता रही है कि आलू की फसल का बचाव कैसे किया जाए. उनकी फसलें बरबाद होने से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होता दिख रहा है. लागत के मुताबिक पैदावार नहीं होने को लेकर किसान चिंतित हैं. आगामी दिनों अगर तापमान में सुधार नहीं हुआ तो किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
किसानों का कहना है कि महज़ कुछ दिनों बाद आलू खुदाई के लिए लगभग तैयार है. इस समय खेतों में पाला पड़ना अच्छा संकेत नहीं है. मौसम में सुधार नहीं हुआ तो आलू की फसल को भारी नुकसान होने के आसार हैं. लिहाजा किसान अब पाला पड़ने के कारण बर्बाद हो रहे फसलों को लेकर सरकार औऱ कृषि विभाग से जहां एक ओर उचित कार्रवाई की बात कर रहे हैं. वहीं, मुआवजा देने की भी मांग की जा रही है. इधर मौसम विभाग ने भी 21 से 23 जनवरी तक पारा में गिरावट के साथ सर्दी का सितम ज़ारी रहने काअनुमान लगाया है.
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