NEW DELHI : देश में पहली बार आईसीएमआर ने कोरो’ना संक्र’मित के श’व के पोस्टमा’र्टम की मंजू’री दी है. जिसके बाद एम्स भोपाल में 58 वर्षीय संक्र’मित मरी’ज का पोस्टमा’र्टम किया गया. आपको बता दें कि इससे कई रा’ज से परदा उठ सकता है. भोपाल एम्स ने पहले भी रि’सर्च के लिए आईसीएमआर से अनुम’ति मांगी थी. लेकिन, सु’रक्षा कारणों से उन्हें इसकी अनुम’ति नहीं दी गई थी.
दरअसल 58 वर्षीय व्यक्ति की मौ’त के बाद पोस्टमॉ’र्टम का आदेश दे दिया गया. विशेषज्ञों की माने तो रविवार को हुए पोस्टमॉ’र्टम से कई गु’त्थियों पर से पर्दा हट सकता है. इस पोस्टमॉर्टम का मुख्य उद्देश्य संक्र’मित व्यक्ति के मौ’त के बाद डे’डबॉडी पर शो’ध करना. चिकि’त्सकों की माने तो इससे यह पता चल जायेगा की कोरो’ना शरीर में कितने लम्बे समय तक रह सकता है. इसके आलावा यह वायरस किन-किन अंगों को किस हद तक प्रभा’वित करता है.
भोपाल एम्स ने सफलतापूर्वक इस पोस्टमॉ’र्टम को पूर्ण कर लिया है, लेकिन इसके लिए पहले इन्हे संक्र’मण रोकने के उपा’य के साथ-साथ अत्याधुनिक तक’नीक से पोस्टमॉ’र्टम करने का भरोसा आईसीएमआर को दिलाना पड़ा. बता दें सबके पोस्टमॉ’र्टम और रि’सर्च के लिए भोपाल एम्स ने पहले भी आईसीएमआर से मंजू’री मांगी थी, हालाँकि सुरक्षा कारणों से इसकी अनुम’ति प्रदान नहीं की गई थी. कोरो’ना संक्र’मित व्यक्ति के डे’डबॉडी के पोस्टमॉ’र्टम से स्वास्थ्य कर्मियों को भी संक्र’मित होने का ख’तरा बढ़ जायेगा.
यही कारण है की सुर’क्षा के लिहाज से आईसीएमआर ने इसकी अनुम’ति प्रदान नहीं की थी. आखिरकार जब आईसीएमआर ने संक्र’मित श’व के पोस्टमॉ’र्टम की अनुम’ति दी तो चिकि’त्सकों को मृ’त मरी’ज के परिजनों से भी उनकी सह’मति लेनी पड़ी. आपको बता दें की चिकि’त्सकों की टीम ने पूरी तरह साव’धानी बर’तते सभी गाइ’डलाइन का अनुपालन करते हुए पीपीई किट पहन कर ही अपने कार्य को अंजाम दिया. पोस्टमॉ’र्टम सफलतापूर्वक किया जा चुका है.
भोपाल एम्स की माने तो अभी कुछ और संक्र’मित श’वों का पोस्टमॉ’र्टम करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुँचते हुए सटीक मूल्याङ्कन किया जा सकेगा और उसी के आधार पर अंतिम रि’पोर्ट तैयार की जाएगी. शुरुआती दौर में किसी तरह का कोई हल नहीं निकाला जा सकता है. भोपाल एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह के अनुसार पोस्टमॉ’र्टम से कोरो’ना द्वारा प्रभा’वित सारे अंगों की जानकारी मिल जाएगी.
मानव शरीर पर वाय’रस से पड़ने वाले प्रभा’व की जानकारी मिलेगी साथ ही साथ यह भी पता चल जायेगा की आमतौर पर कोरो’ना का संक्र’मण कैसे अस’र करता है? पोस्टमॉ’र्टम के दौरान फॉरें’सिक मे’डिसिन के अलावा अन्य तीन विभागों की टीम को भी शामिल किया गया था. ये टीम अपनी-अपनी जानकारी के मुताबिक उसपर विस्तृत रिपो’र्ट तैयार कर रहे थे. पोस्टमॉ’र्टम प्रक्रिया की कुल अवधि लगभग दो घंटों की थी.
Be First to Comment