गया: बिहार के सीएम नीतीश कुमार बोधगया पहुंच गए है। सीएम आज सुबह ही दिल्ली से लौटे हैं। जहां वो इंडी गठबंधन की बैठक में शामिल होने के लिए गए थे। वहीं दिल्ली से लौटने के बाद सीएम बोधगया गए। जहां महाबोधी मंदिर में दर्शन करने के बाद उन्होंने तिब्बत बौद्ध मठ में जाकर धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात किया। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार के साथ उनके कैबिनेट में सहयोगी मंत्री कुमार सर्वजीत भी पहुंचे।
दरअसल, बिहार के बोधगया में दलाई लामा इंटरनेशनल संघ फोरम की ओर आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी के लिए तिब्बती धर्मगुरु गया आए हुए हैं। इस कार्यक्रम में 32 देशों के लगभग दो हजार से ज्यादा बौद्ध भिक्षु, संघराजा, बौद्ध स्कॉलर व भिक्षु शामिल थे। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 57 बिंदुओं पर चर्चा की जायेगी। उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय सम्मेलन में 57 बिंदुओं पर चर्चा की जायेगी जिसमें संस्कृत,पालि व तिब्बत परंपरा को मानने वाले बौद्ध भिक्षुओं व श्रद्धालुओं के बीच आपसी समन्वय स्थापित कर विश्व शांति की दिशा में पहल करनी है।
मालूम हो कि, दलाई लामा पिछले सप्ताह ही बोधगया पहुंचे हैं। वे जनवरी के पहले पखवाड़ा तक गया में रहेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में देसी विदेशी श्रद्धालु आते हैं और दलाई लामा का प्रवचन सुनते हैं। यह प्रवचन कालचक्र मैदान में होता हैं। कालचक्र मैदान में दलाई लामा का प्रवचन 29 दिसम्बर से लेकर 31 दिसम्बर तक चलेगा। 1 जनवरी को 14 वें बौद्धधर्म गुरु की लंबी आयु के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।
बताते चलें, बोधगया में दलाईलामा के गाइड लाइन में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संघा फोरम समारोह चल रहा है। बुधवार को ही दलाईलामा ने इस कार्यक्रम का उद्धघाटन किया है। इस मौके पर उन्होंने बुद्ध के उपदेशों में से एक बोधिचित्त के बारे में अपने अनुयायियों को बताया। इस सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य दक्षिण पूर्व और दक्षिण एशियाई देशों भारत, थाईलैंड, म्यांमा, कंबोडिया, लाओस, श्रीलंका, बांग्लादेश और इंडोनेशिया की पाली परंपराओं के मानने वालों और संस्कृत परंपरा के तिब्बत, भूटान, नेपाल, वियतनाम, चीन, ताइवान, जापान, कोरिया, रूस, मंगोलिया और दुनिया के अन्य हिस्सों के लोगों के बीच संवाद और सहयोग विकसित करना है।
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