चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का खतरनाक मसौदा:हांगकांग में लोकतंत्र की लड़ाई अब आतंकी वारदात
अमेरिका और यूरोपीय देशों के विरोध के बीच चीन के शीर्ष विधायी निकाय ने हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया है। ड्रैगन के इस कदम से अमेरिका और कई यूरोपीय देशों से चीन का सीधा टकराव हो सकता है। चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर यह माना जा रहा है कि यह हांगकांग के कानूनी और राजनीतिक संस्थानों को कमजोर करेगा। इससे हांगकांग के अर्ध स्वायत्त क्षेत्र की अवधारणा कमजोर होगी।
मसौदे में अपराधों की चार श्रेणियां
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए एक मसौदा गुरुवार को राष्ट्रीय पीपुल्स कांग्रेस की देश की स्थायी समिति को प्रस्तुत किया गया। इस मसौदे में कानून के स्वरूप को स्पष्ट किया गया है।
मसौदे में अपराधों की चार श्रेणियां शामिल हैं
उत्तराधिकार, राज्य शक्ति के खिलाफ विध्वंस,स्थानीय आतंकवादी गतिविधियां और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी या बाहरी विदेशी ताकतों के साथ सहयोग करना।
लोकतंत्र समर्थकों को घेरने की तैयारी
इस कानून के मसौदे से साफ हो गया है कि अब हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों की खैर नहीं है।यह सीधे तौर पर राज्य सरकार के खिलाफ विध्वंस माना जाएगा। चीन मुक्त हांगकांग की
मांग करने वाले अब आतंकवादी की श्रेणी में शामिल होंगे। इतना ही नहीं अब इन लोकतंत्र समर्थकों को अगर कोई देश संरक्षण या प्रश्रय देता है तो वह भी कानून का उल्लंघन मानाजाएगा। इस कानून के जरिए चीन ने बहुत चतुराई से लोकतंत्र समर्थकों के सभी दरवाजे बंद करके हांगकांग को एक कम्युनिस्ट राज्य की ओर अग्रसर कर रहा है।
अपराधों के लिए दंड का जिक्र नहीं
हालांकि, इन चार प्रकार के अपराधों के लिए क्या दंड होगा इसका कोई विवरण चीन ने नहीं दिया है। यह चीन की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। समिति की मौजूदा तीन दिवसीय सत्र शनिवार को समाप्त हो रहा है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस सत्र के दौरान यह कानून पारित होगा या नहीं। शिन्हुआ ने बताया कि हाल के वर्षों में हांगकांग में बाहरी ताकतों के प्रवेश से यहां की कानून व्यवस्था और सरकारी मशीनरी पर दबाव था। इससे यहां की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया है।
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