नई दिल्ली। भगवान घाटी में चीन के धोखे से किये गये हमले का जवाब में भारत ने चीन का हुक्का पानी बंद करके देने जा रहा है। चीन को न केवल भगवान खाली करना पड़ेगा बल्कि उसे अक्साई चिन भी वापस देना पड़ेगा। इसी व्यूह रचना के तहत सीडीएस जनरल रावत ने तीनों अध्यक्षों के साथ विचार-विमर्श कर तीनों सेनाओं का युद्ध कालीन परिस्थितियों के लिए तैयार रहने के निर्देश दे दिये है। सेना में छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार चीन को पहाड़ों के साथ-साथ समुद्र में घेरने की तैयारी की है। ध्यान रहे, चीन का 60 फीसदी समुद्री ट्रेड इंडियन ओसियन से होता है। भारत ने अगर अपनी निगाह टेढ़ी कर ली तो चीन घुटनों पर आ जायेगा। भारत की संभावित कार्रवाई को देखते हुए शी जिनपिंग रूस के राष्ट्रपति पुतिन के पास अपने दूत भेजकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समझाने की गुजारिश की है।
चीन के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को शाम पांच बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें सभी प्रमुख दलों के अध्यक्ष शामिल होंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भारत वैसे तो शांति चाहता है लेकिन अगर उकसाया जाएगा तो जवाब जरूर दिया जाएगा। हम देश की अखंडता के साथ समझौता नहीं करते है। दूसरी ओर इंडियन आर्मी ने सभी जवानों की छुट्टियां कैंसल कर दी हैं। इसके अलावा चीन से निपटने के लिए जल, थल और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट पर हैं।
बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की एक उच्च स्तरीय बैठक है। इसी में तीनों सेनाओं का अलर्ट पर रखने का फैसला लिया गया। सेना ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को रवाना कर दिया है। भारतीय वायु सेना ने पहले से ही अपने सभी फॉरवर्ड लाइन बेस में एलएसी और बॉर्डर एरिया पर नजर रखने के लिए अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है। सूत्रों ने कहा कि चीनी नौसेना को कड़ा संदेश भेजने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ा रही है।
एक जानकारी के मुताबिक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं को तालमेल बिठाने और जरूरत के मुताबिक प्राथमिकताएं तय करने के निर्देश दिए हैं। इसी के मद्देनजर नौसेना को चीन से मुकाबले के लिए मलक्का स्ट्रेट के पास, या फिर जरुरत के मुताबिक काउंटर के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कहीं भी तैनाती को लेकर आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए हैं। नौसेना ने युद्धपोत और जहाजों के साथ समुद्री सीमाओं पर अपनी पैनी नजर बना ली है।
नेवी के साथ-साथ वायु सेना ने भी जरूरी कदम उठाए हैं। चीन सीमा पर गंभीर स्थिति को देखते हुए फाइटर प्लेन की तैनाती को और आगे बढ़ाया गया है। थल सेना ने भी अपने जवानों की छुट्टियां कैंसिल कर दी है। केंद्र सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को हथियारों की खरीद करने की छूट दी है।
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