नई दिल्ली। बवाना वैली के पास चीनी फौज के साथ हुई हिसंक झड़प के बाज बुधवार की देर शाम भारतीय सेना ने डेमचौक और पैंगोंग लेक के पास के गांवों को खाली करवा दिया है। गांव वालों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। भारतीय सेना के साथ भारी हथियार और कम्युनिकेशन इक्विप्मेंट भी गलवान वैली के पास पहुंचने शुरू हो गये हैं। पूरे इलाके में मोबाइल फोन सेवा बंद कर दी गयी हैं। और श्रीनगर-लेह हाईवे बंद कर दिया गया है। इस हाई वे को मिलिटरी मूवमेंट के कारण बंद किया गया है।ध्यान रहे कुछ विदेशी खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि लद्दाख में भारतीय सेना के साथ संघर्ष का आदेश खुद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दिया है। यही कारण है कि खूनी संघर्ष के बावजूद भारत की ओर से जारी रखी गयी मेजर जनरल स्तर की वार्ता भी बिना किसी नतीजे के खत्म हो गयी।
इस घटनाक्रम को देखते हुए भारत सरकार ने सेना को चीन और पाक पर बॉर्डर पर कार्रवाई की खुली छूट दे दी है। सेना मुख्यालय से फ्रूट पोस्ट के कमाण्डरों को स्पष्ट आदेश दे दिये गये हैं कि कहीं भी कोई भी परिस्थिति में दुश्मन को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है। फ्रूट पोस्ट कमाण्डरों को कहा गया है कि वो स्थिति की सूचना देने और फिर आदेश मिलने का इंतजार न करें अगर कोई विषम परिस्थिति आती है तो अपने विवेक से फैसला लेकर कार्रवाई को अंजाम दें। भारत सरकार के विभिन्न सूत्रों से यह जानकारी भी मिली है कि इस समय चीन की फौज भारतीय हमले का सामना करने में सक्षम नहीं है।
चीनी सरकार के मुखप्रष्ठ ग्लोबल टाइम्स ने इसीलिए भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ दिया है। इस समय का बेहतर इस्तेमाल करने के मकसद से ही भारत ने चीन के खिलाफ युद्ध करने या युद्ध की तैयारी का फैसला लिया है। क्यों कि किसी भी देश की सेना यातायात और संचार साधनों तथा माध्यमों पर उसी समय नियंत्रण लेती है जब वो या तो दुश्मन पर हमला करने वाली हो या फिर दुश्मन की ओर से हमले की आशंका हो। कुछ विदेशी युद्ध विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इस समय भारत पर हमला करने की स्थिति में नहीं है। अगर इस समय युद्ध होता है तो चीन का गोला बारूद और हथियार दो दिन में खत्म हो जायेंगे।
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