पटना: बिहार में जहां एक तरफ डेंगू अपना कहर बरपा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के सफाई कर्मियों की हड़ताल चल रही है. जिस वजह से सभी जगह कूड़े कचरे का अंबार लग गया है. जबकि डेंगू के नियंत्रण के लिए स्वच्छता बेहद जरूरी है, जो नहीं हो पा रही है. कूड़े कचरे के अंबर के कारण डेंगू के साथ-साथ वायरल फीवर के मामले भी पटना में काफी बढ़ गए हैं।
चिकित्सकों की माने तो टाइफाइड और जॉन्डिस के भी मामले देखने को मिल रहे हैं. इसी बीच नगर निगम के सफाई कर्मियों के हड़ताल को तुड़वाने को लेकर नगर विकास विभाग शिथिल पड़ा हुआ है और ऐसे में लगातार नौवें दिन सफाईकर्मी हड़ताल पर बने हुए हैं। गंदगी के कारण पटनावासी त्राहिमाम कर रहे हैं और सड़कों पर जमा कचरा भी अब काफी दुर्गंध देने लगा है।
सफाई कर्मियों के हड़ताल के कारण डेंगू से बचाव को लेकर शुरू किया गया फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में पटना में डेंगू से गंभीर मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ी है और अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बीते दो दिनों में लगभग 30% बढ़ी है. पटना के चारों मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कुल 82 मरीजों का इलाज चल रहा है।
एआईआईएमएस पटना में 20 मरीज, आईजीआईएमएस में 13 मरीज, पीएमसीएच में 31 मरीज और एनएमसीएच में 11 मरीज एडमिट हैं. वहीं पूरे प्रदेश की अगर बात करें तो प्रदेश के 12 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 302 एडमिट मरीजों का इलाज चल रहा है. जिसमें भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सर्वाधिक 156 मरीज एडमिट है। बीते 24 घंटे में पूरे प्रदेश में डेंगू के 284 नए मामले मिले हैं. पटना के अलावा भागलपुर सारण मुजफ्फरपुर पश्चिमी चंपारण पूर्वी चंपारण मुंगेर वैशाली जैसे प्रदेश के सभी जिले डेंगू से प्रभावित हैं. साल में डेंगू के 5609 नए मामले आ चुके हैं जबकि सितंबर महीने में ही प्रदेश में 5334 मामले मिले हैं. पटना में ही डेंगू मरीजों की संख्या 1572 है।
डेंगू के मामले बढ़ने पर राजधानी पटना में राज्य डेंगू नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जो 24 घंटे मरीजों की सहायता के लिए उपलब्ध है. डेंगू कंट्रोल रूम का हेल्पलाइन नंबर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किया गया है. यहां एक कॉल पर लोग अस्पतालों में उपलब्ध बेड से लेकर ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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