पटना: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षकों के लिए एक और फरमान जारी किया है। सरकारी स्कूलों में मेन गेट और क्लासरूम के ताले अगर बच्चों से खुलवाए गए तो खैर नहीं होगी। ऐसे करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलों को इस संबंध में गुरुवार को दिशानिर्देश जारी किया गया है। केके पाठक के नए फरमान से शिक्षकों एवं हेडमास्टरों में खलबली मच गई है।
शिक्षा विभाग का कहना है कि बिहार में कई जगहों पर स्कूल के मुख्य द्वार और कमरों के ताले छात्रों से खुलवाए जाते हैं। ऐसी शिकायतें मिल रही हैं। यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है। इसलिए निर्देश दिया जाता है कि स्कूलों के मुख्य द्वार या कक्षा-कक्ष समेत अन्य कमरों के ताले कार्यरत परिचारी, लिपिक या प्राधिकृत शिक्षक के द्वारा ही खुलवाया जाए। अन्यथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसीएस केके पाठक के कहने पर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। सभी स्कूलों को चेतावनी दी गई है कि अगर बच्चों से ताला खुलवाते पाए गए तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
बता दें कि केके पाठक के शिक्षा विभाग में पदभार संभालने के बाद से शिक्षकों एवं अन्य अफसर-कर्मचारियों पर सख्ती बरतते हुए कई आदेश जारी किए गए। स्कूलों में औचक निरीक्षण भी किए जा रहे हैं। इस दौरान अव्यवस्था या अनुपस्थित पाए जाने वाले कर्मियों एवं शिक्षकों की सैलरी काटी जा रही है। साथ ही बड़ी गलती होने पर उन्हें सस्पेंड किया जा रहा है।
केके पाठक को लेकर बिहार की राजनीति भी गर्माई हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके काम को सराहा। दूसरी तरफ, राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से लेकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर तक उनकी कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं। बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने भी सीएम नीतीश को केके पाठक को हटाने की सलाह दी है।
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