पटना: बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी है और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को तुरंत हटाने की मांग की है। बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन ने कहा कि केके पाठक के कारण शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हो रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे गये पत्र में बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन ने कहा है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कार्य प्रणाली उनकी अत्यधिक नाकारात्मक मानसिकता को दर्शाता है। केके पाठक जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बने हैं तब से वे कुछ न कुछ ऊटपटांग हो रहा है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है नई-नई समस्या उत्पन्न हो रही है।
उर्दू टीचर्स एसोसिएशन ने कहा कि अब तो सारी हदें ही पार कर दी गई है। नकारात्मक सोच का परिणाम है कि विद्यालयों की अवकाश तालिका में अनावश्यक संशोधन से प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर विभाग और सरकार की थू-थू हो रही है। अभी कुछ दिन पहले एक शिक्षिका द्वारा नियमानुसार विशेष अवकाश लेने के बावजूद अपर मुख्य सचिव के द्वारा अनाधिकृत रूप से उनके अवकाश को रद्द करके सरकार और विभाग की किरकिरी कराई गई। इसके अलावा अनेकों ऐसे कार्य हैं जो विभाग में सुधार के बजाय समस्या बनकर रह गई है।
उर्दू टीचर्स एसोसिएशन ने कहा कि यदि अपर मुख्य सचिव को शिक्षा विभाग से तुरंत नहीं हटाया गया तो वे सरकार और विभाग की छवि को दुनियाभर में धूमिल कर देंगे। इतना ही नहीं उनकी नकारात्मक सोच के साथ किए गए कार्यों का नकारात्मक परिणाम शिक्षक आन्दोलन और जन आन्दोलन के रूप में नजर आने लगेगा। बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह मांग की है कि जल्द से जल्द अपर मुख्य सचिव केके पाठक को शिक्षा विभाग से हटाया जाए अन्यथा विभाग का सर्वनाश तय हैं। बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव मो0 शफीक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है।
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