भारत और नेपाल के बीच सदियों से गहरा संबंध है। इन दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का रिश्ता माना जाता है। लेकिन, जैसे इस रिश्ते पर धीरे-धीरे ग्रहण लगना शुरू हो गया है। नये नियम के अनुसार नेपाल की अधिकृत सीमा (भंसार) पर भारत से खरीदारी कर ले जाए जाने वाले सौ रुपये से अधिक के सामान पर सीमा शुल्क वसूला जा रहा है। नेपाल के अंदर 100 रुपये से अधिक के भारतीय नोट भी नहीं लिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, दोपहिया व चार पहिया वाहनों पर सीमा शुल्क में भी बढ़ोतरी कर दी गई है. इस वजह से दोनों देशों के नोट बदली करने में कमीशन के खेल के शुरू होने की बात सामने आ रही है।
नेपाल के इस फैसले से दोनों देशों के नागरिक खासा परेशान हैं. नेपाल और भारत के बीच सरहद होने के बावजूद भी आपसी रिश्ते हमेशा से मजबूत रहे हैं, लेकिन रिश्तों की जमीन अब कमजोर होती दिख रही है. भारत से नेपाल पहुंच रही भारतीय करेंसी के कारण नेपाल में पेट्रोल-डीजल की ब्रिकी को पंप संचालक द्वारा बंद कर दिया गया है. सिर्फ नेपाली करेंसी पर ही इसे बेचा जा रहा है. इस कारण आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सीमावर्ती इलाके में नेपाल के लोग दैनिक जरूरतों के सामान की खरीदारी भारतीय क्षेत्र से करते हैं. लेकिन, अब भारत से 100 रुपये से अधिक का सामान खरीदकर नेपाल ले जाने पर उन्हें शुल्क देने के साथ ही पूछताछ के दौर से भी गुजरना पड़ता है. इस कारण कारोबारी से लेकर आम लोग चिंतित हैं. किशनगंज जिले के कांकरभीठा और गलगालिया बॉर्डर के माध्यम से नेपाल आने जाने में भी वाहन चालकों को अब पहले से ज्यादा पैसा भरना पड़ रहा है।
भारत-नेपाल की सीमा पर नेपाली व भारतीय मुद्रा का एक्सचेंज का खेल पहले की तरह जारी है. इन्होंने भारतीय मुद्रा की कीमत कम कर दी है, जहां पहले 1000 भारतीय रुपये के बदले 1600 नेपाली रुपये मिल रहे थे. वहीं अब 1500 नेपाली नोट ही दिए जा रहे हैं, जिसके कारण नेपाल में भारतीय रुपये से सामान खरीदना लोगों को महंगा पड़ रहा है।
वहीं, नेपाली पेट्रोल पंप पर भारतीय रुपए से पेट्रोल नहीं मिल रहा है. इस कारण भारतीय नागरिकों की परेशानी बढ़ी है. पहले भारतीय मुद्रा से नेपाल में पेट्रोल-डीजल व अन्य जरूरी सामान आसानी से मिल जाता था. अब नेपाल जाने वाले लोग खासकर नेपाल के पर्यटक स्थल घूमने वाले लोगों को भी पहले की तुलना में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. नेपाल में भारतीय नोट लेने में लोग आना कानी करते हैं. ज्यादा आग्रह करने पर 10 प्रतिशत का बट्टा लग रहा है. पेट्रोल पंप पर जगह-जगह लिख कर नाेटिस चिपका दिया गया है कि भारतीय रुपये नहीं लिया जाएगा।
भारत-नेपाल सीमा पर बसे लोगों का कहना है कि कई भारतीयों की रिश्तेदारी नेपाल में है. वहां उनका कारोबार भी है, जिस कारण सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का नेपाल आना-जाना लगा रहता है. भारतीय वाहनों को नेपाल सीमा में प्रवेश करने पर शुल्क देना पड़ता है. आए दिन शुल्क में बढ़ोतरी की जा रही है, जबकि, नेपाली वाहनों के भारत में प्रवेश पर कोई शुल्क नहीं लगता है. इससे भारतीय लोग ठगा सा महसूस करते है. लोगों की ओर से इसको लेकर नेपाल सरकार की ओर से सकारात्मक पहल उठाने की मांग की जा रही है।
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