टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज (7 जुलाई) 42 साल के हो गए। धोनी क्रिकेट इतिहास के सफलतम कप्तानों में से एक हैं और उनकी कप्तानी में भारत ने तीन आईसीसी खिताब जीता। धोनी ने अपने खेल से दुनिया भर के करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों में खास जगह बनाई है।
एमएस धोनी झारखंड के पहले इंटरनेशनल क्रिकेटर रहे और उन्हें 23 साल की उम्र में टीम इंडिया में बुलावे की खबर मिली. इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने मौका नहीं गंवाया और मैदान पर धूम मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 5 अप्रैल 2005 को धोनी ने अपने 5वें वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन बनाए थे. बाद में उन्होंने अपने 5वें टेस्ट में भी 148 रनों की शानदार पारी खेली थी. माही का ये टेस्ट शतक भी फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ आया था।
इन दो शुरुआती धुआंधार शतकों से इस करामाती क्रिकेटर ने इतनी सुर्खियों बटोरीं कि वह आगे चलकर टीम इंडिया का ‘भविष्य’ बन गए. महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के प्रतिभा अनुसंधान विकास विभाग (TRDW) की खोज थे. उनकी प्रतिभा को देखते हुए इस प्रोगाम से जुड़े आयु संबंधी नियम में ढील देनी पड़ी थी. इस पर चर्चा करने से पहले आइए धोनी के अंतरराष्ट्रीय करियर पर नजर डालें।
माही की कप्तानी में भारत ने हासिल किए कई कीर्तिमान
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखते ही धोनी की तुलना ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट से की जाने लगी. साथ ही अंतिम ओवर तक जीत का पीछा करने में माहिर माही में फिनिशर के तौर पर माइकल बेवन की झलक मिली. तीन साल के अंदर धोनी को वनडे और टी-20 का कप्तान नियुक्त कर दिया गया. उनकी कप्तानी में 2007 में भारत ने टी-20 वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया और अगले साल ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज का फाइनल जीता.
इसके बाद धोनी ने 2008 में टेस्ट कप्तानी संभाली और ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड पर यादगार सीरीज जीत दर्ज की दिसंबर 2009 में भारत टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बन गया. लेकिन उनकी कप्तानी में 2011 और 2012 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भारत को लगातार 8 हार मिली और इन शर्मनाक पराजयों से भारत ने शीर्ष रैंकिंग गंवा दी.
लेकिन धोनी हार मानने वाले नहीं थे. 2011 में उन्होंने भारत को विश्व कप खिताब दिलाया. उन्होंने 2013 में ऑस्ट्रेलिया को अपने घर में 4-0 से धोया और फिर उसी साल अजेय रहते हुए इंग्लैंड में चैम्पियंस ट्रॉफी जीती और अगले साल वर्ल्ड टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचे.
दिसंबर 2014 में धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बीच में ही अचानक टेस्ट कप्तानी छोड़ी. इतना ही नहीं उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से तत्काल रिटायर होने की भी घोषणा कर दी. 2017 में धोनी ने कप्तानी (सीमित ओवरों के प्रारूप से) छोड़ने का फैसला किया और विराट कोहली को अपना उत्तराधिकारी बनाने का रास्ता बनाया.
वर्ल्ड कप 2019 में खेला आखिरी इंटरनेशनल मैच
वर्ल्ड कप-2019 में महेंद्र सिंह धोनी की सुस्त बल्लेबाजी आलोचकों के निशाने पर रही. भारत के सेमीफाइनल में हार के बाद से वह क्रिकेट से दूर रहे. उनकी संन्यास की अटकलें भी जोरों पर रहीं. आखिरकार धोनी ने 15 अगस्त, 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. उनके संन्यास लेने की खबर के बाद दुनियाभर के उनके प्रशंसक मायूस नजर आए.
दिलीप वेंगसरकर को प्रतिभाओं को तलाशने के मामले में भारत के सबसे अच्छे चयनकर्ताओं में से एक माना जाता है. इस पूर्व कप्तान के चयन समिति के अध्यक्ष के तौर पर 2006 से 2008 का कार्यकाल आने वाले चयनकर्ताओं के लिए एक पैमाना बना, क्योंकि उनके चयनकर्ता रहते हुए महेंद्र सिंह धोनी कप्तान बने।
दिलीप वेंगसरकर का मानना था कि वह चयन समिति के अध्यक्ष पद से न्याय करने में इसलिए सफल रहे क्योंकि वह बीसीसीआई के प्रतिभा अनुसंधान विकास विभाग (TRDW) से जुड़े थे, जिसने धोनी जैसे क्रिकेटर की प्रतिभा को तलाशा था. टीआरडीडब्ल्यू हालांकि अब अस्तित्व में नहीं है।
धोनी के लिए ऐसे टूटा था नियम संबंधी ‘रूल’
महेद्र सिंह धोनी को 21 साल की उम्र में बीसीसीआई के टीआरडीडब्ल्यू योजना में शामिल किया गया था, जबकि इसके लिए 19 साल की उम्र निर्धारित थी. इसके पीछे काफी दिलचस्प कहानी है. दरअसल, बंगाल के पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार के कहने पर धोनी को टीआरडीडब्ल्यू में शामिल किया गया था. पोद्दार के आग्रह पर वेंगसरकर ने फैसला किया कि प्रतिभाशाली खिलाड़ी के लिए नियम नहीं आड़े आने चाहिए।
पोद्दार जमशेदपुर में एक अंडर-19 मैच देखने गए थे. उसी समय बगल के कीनन स्टेडियम में बिहार की टीम एकदिवसीय मैच खेल रही थी और गेंद बार-बार स्टेडियम के बाहर आ रही थी. इसके बाद पोद्दार ने उत्सुकता हुई कि इतनी दूर गेंद को कौन मार रहा है. जब उन्होंने पता किया तो धोनी के बारे में पता चला।
वेंगसरकर ने कहा, ‘पोद्दार के कहने पर 21 साल की उम्र में धोनी को टीआरडीडब्ल्यू कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया.’ उन्होंने बताया कि टीआरडीडब्ल्यू को पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने शुरू किया था. डालमिया के चुनाव हारने के बाद हालांकि इसे बंद कर दिया गया।
धोनी का ऐसा रहा इंटरनेशनल रिकॉर्ड
महेंद्र सिंह धोनी ने 350 वनडे इंटरनेशनल में 50.57 की औसत से 10773 रन बनाए, जिसमें 10 शतक और 73 अर्धशतक शामिल रहे. इस दौरान उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 183 रन रहा. वनडे में उन्होंने विकेट के पीछे 444 शिकार किए. धोनी ने 90 टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए. उन्होंने टेस्ट में 6 शतक और 33 अर्धशतक लगाए हैं।
टेस्ट में एमएस धोनी का उच्चतम स्कोर 224 रन रहा. विकेट के पीछे टेस्ट क्रिकेट में धोनी ने 294 शिकार किए. उन्होंने भारत के लिए 98 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में 37.60 की औसत से 1617 रन बनाए, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल हैं. टी20 इंटरनेशनल में धोनी ने विकेट के पीछे 91 शिकार किए।
एमएस धोनी के आईपीएल करियर की बात की जाए तो उन्होंने कुल 250 मैचों में 5,082 रन बनाए हैं. इस दौरान उनका एवरेज 39.09 और स्ट्राइक रेट 135.96 का रहा. आईपीएल में धोनी ने अबतक 24 अर्धशतक लगाया है. हाल ही में धोनी ने अपनी कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स को पांचवीं बार आईपीएल खिताब जिताया था।
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