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7 सूत्री मांग को लेकर बिहार सिविल सोसाइटी ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल मामले में डीएम को सौंपा ज्ञापन 

मुजफ्फरपुर: वर्ष 2021 के 21 और 22 नवंबर को शहर के जूरन छपरा रोड नं 2 स्थित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल में मानकों के विरूद्ध एवं कानून की अवहेलना करते हुए लगभग 80 मोतियाबिन्द के मरीजों की जांच और बाहर के चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉप द्वारा मोतियाबिन्द की जांच एवं ऑपरेशन किया गया था।

ऑपरेशन थिएटर में भयावह संक्रमण होने के कारण 32 मरिज संक्रमण के शिकार हुए थे और उनकी आँखें बिहार सकरार के सहयोग से पटना में उपचार करवाकर निकालनी पड़ी थी। संक्रमण से अंधेपन का शिकार हुए मरीजों को डेढ़ वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल द्वारा न तो चिकित्सा करवाई गई है और ना ही अबतक कोई मुआवजा भी दिया गया है।

मुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल में पुनः मोतियाबिन्द ऑपरेशन की तैयारी चल रही है जो संदेहास्पद है। इसी मामले के विरोध में बिहार सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष चंद्रकिशोर परासर ने सात सूत्री मांगों को लेकर कहा कि अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन की अनुमति दिए जाने से पहले पूर्व मानकों के आधार पर जांच पड़ताल की जाए।

अंधेपन का शिकार हुए मरीजों को अस्पताल प्रबंधन द्वारा 10-10 लाख रूपये की मुआवजा राशि एवं चिकित्सकीय व्यवस्था करवाई जाए। मुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल के व्यय से देश के किसी भी प्रतिष्ठित आई बैंक से आँखो की प्रत्यारोपन आपूर्ति कर अंधेपन के शिकार हुए सभी मरीजों की क्षतिग्रस्त आँखो में नेत्र करवाई जाए। साथ ही, मरीजों को जीवनयापन के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए।

मुजफ्फरपुर स्थित सदर अस्पताल में भी मोतियाबिन्द के ऑपरेशन की सु-व्यवस्था स्थापित की जाए।  बिहार सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष चंद्रकिशोर परासर ने आगे कहा कि 15 दिनों के अन्दर समस्या का समाधान किया जाए अन्यथा मांगों को लेकर जनहित में आंदोलन किए जाएंगे।

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