पटना: मोबाइल ऐप से फुटपाथी दुकानदार या रेहड़ी-पटरी (स्ट्रीट वेंडर) से भी अब बिहार के लोग सामान मंगा सकेंगे। इसके लिए राज्य के एक लाख 18 हजार निबंधित फुटपाथी दुकानदार को स्वाभिमान एप से जोड़ा जाएगा। श्रम संसाधन विभाग इन सभी वेंडर को 48 घंटे का विशेष प्रशिक्षण देगा ताकि वे एप पर सामान की जानकारी अपलोड कर सकें और आम लोग इसके जरिये ऑनलाइन खरीदारी कर सकें। देश में बिहार इकलौता राज्य है जिसने स्ट्रीट वेंडर के लिए इस तरह की प्रशिक्षण की शुरुआत की है। प्रशिक्षण का मकसद इनका कौशल विकास करना है।
फिलहाल पायलट परियोजना के तहत पांच जिलों पटना, वैशाली, नालंदा, सारण और दरभंगा में प्रशिक्षण की शुरुआत हो रही है। इन जिलों के 1500 फुटपाथी दुकानदारों का प्रशिक्षण होगा। इसके बाद अगले तीन महीने में राज्य के सभी एक लाख 18 हजार निबंधित वेंडरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी शुरुआत बुधवार को पटना के गांधी संग्रहालय से हो रही है।
श्रम संसाधन विभाग के अनुसार बिहार कौशल विकास मिशन युवाओं को रोजगारपरक बनाने की दिशा में एक प्रभावी तंत्र के रूप में सहचर की भूमिका निभा रहा है। इसके तहत बिहार कौशल विकास मिशन द्वारा संकल्प योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजनकर्ता प्रबंधन और उद्यमिता एवं व्यावसायिक कौशल परिषद (एमईपीएससी) है।
आर्थिक मदद से आत्मनिर्भर होंगे वेंडर
भारत सरकार की संकल्प योजना के अंतर्गत स्किल ऑन व्हील्स के तहत स्ट्रीट वेंडर, स्ट्रीट फूड वेंडर, टायर फिटर आदि जॉब रोल में आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण एवं प्रमाणीकरण किया जाएगा, ताकि उनका सामाजिक और आर्थिक स्तर बेहतर हो सके। इसके अंतर्गत मैनेजमेंट सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ करार किया गया है, जिनके सहयोग से स्ट्रीट वेंडर को प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा। वेंडरों को पीएम स्वनिधि से आर्थिक सहायता भी दिलाई जाएगी ताकि वे आत्मनिर्भर हो सकें।
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