भागलपुर: बिहार के भागलपुर में अब बैंगन और अनार के आकार के टमाटर रंग बिरंगे उपज रहे हैं। भीखनपुर की सुजैन बोस ने अपने घर में 15 प्रकार का विदेशी टमाटर उपजाया है। इसमें ब्लैक स्ट्रॉबेरी, पिनोकियो टोमेटो, ऑरेंज हट, ब्लैक ब्यूटी, टेराकोटा टोमेटो, ग्रेट वाइट, ग्रीन जायंट, एटॉमिक ग्रेप, मशरूम बास्केट आदि टमाटर शामिल हैं। जानकारों के अनुसार, स्थानीय टमाटर 40 रुपये है तो विदेशों टमाटर प्रति किलो औसतन कीमत एक हजार रुपये होती है। विदेशी टमाटरों का उपयोग पिज्जा बनाने आदि काम में भी किया जा रहा है।
किसानों को आर्थिक तौर पर बनाएगा संपन्न
सुजैन ने बताया, विदेशी टमाटर की खेती अगर की जाए तो किसानों के लिए यह आर्थिक संपन्नता लेकर आयेगी। एक पौधे में काफी अधिक टमाटर का फलन होता है। इसमें पत्ता कम और फल अधिक रहता है। इसका बीज जल्द किसानों के बीच वितरित किया जायेगा, ताकि वे इसकी खेती करें और आर्थिक रूप से संपन्न हो सकें। मूलत पुणे की रहने वाली सुजैन ने कहा कि चाहे फूल हो या सब्जी, वे 40 प्रतिशत ऊपज से बीज तैयार करते हैं। उनके पास देसी और विदेशी सब्जियों के कई प्रकार के बीज हैं। उन्होंने अपना अलग बीज बैंक बनाया है।
अमेरिका और रूस से मंगवाया गया था बीज
सुजैन ने बताया कि विदेशी टमाटरों का बीज अमेरिका व रूस से मंगवाया गया था। इन टमाटरों का फलन ढाई से तीन माह में हो गया है। टमाटर अलग-अलग तरह के दिख रहे हैं। कोई बैंगन तो कोई अनार के आकार का दिखता है। कुछ टमाटर अंगूर तो कुछ नुकीले आकार का भी है। जो आंखों को भी खूब आकर्षित करता है। कुछ टमाटर के किस्म का वजन भी काफी अधिक है। टेराकोटा टमाटर का वजन 250 ग्राम तक होता है। कुछ टमाटरों का औसत वजन 100 से 250 ग्राम है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जानकारी व प्रेरणा मिली
भीखनपुर के राजा बोस की पत्नी ने बताया कि सोशल मीडिया पर विदेश की गार्डनिंग ग्रुप में वह जुड़ी थीं। उस दौरान विदेशी टमाटरों के बारे में जानकारी मिली। तो उसे उपजने का प्रयास किया गया, जो काफी सफल रहा।
Be First to Comment