सीतामढ़ी, 25 मई। एईएस के लिए हमें अपनी जागरूकता के स्तर में इजाफा करना होगा। वहीं एईएस वार्ड में उपर्युक्त मरीज को ही भर्ती किया जाए। ये बातें एईएस जेई की समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने कही। समीक्षा के दौरान उन्होंने जागरूकता के स्तर पर बातचीत करते हुए कहा कि स्कूल के चेतना सत्रों में शिक्षकों के द्वारा चमकी पर जागरूकता की बातें बताई जाए। इसके अलावा आशा, आंगनबाड़ी व जीविका के माध्यम से घर घर जाकर चमकी के कारण लक्षण और निदान के बारे में बात की जाए। वहीं प्रभात और संध्या चौपाल को जारी रखा जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि चमकी में जागरूकता का स्तर भी ऊंचा होगा जब अंतर्विभागीय समन्वय काम करेगा। इसके लिए आपदा विभाग की भी यह जिम्मेवारी है कि वह आपदा के प्रशिक्षण के समय चमकी के बारे में भी लोगों से बात करे।
मरीजों को एंबुलेंस सर्विस समय पर मिले इसका भी ध्यान रखा जाए-
अपने समीक्षात्मक बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बुखार से ग्रसित बच्चों में प्रतिदिन की रिपोर्टिग के आधार पर संभावित एईएस के मरीज भी ढूंढे जाने का निर्देश दिया। मरीजों को एंबुलेंस सर्विस समय पर मिले इसका भी ध्यान रखा जाए। आशा, आंगनबाड़ी को आवश्यकतानुसार ओआरएस घोल के पैकेट और पारासिटामोल के सीरप और टैबलेट उपलब्ध कराए जाएं।
जोनल मलेरिया ऑफिसर ने किया दौरा-
तिरहुत और सारण के जोनल मलेरिया ऑफिसर डॉ बीके सिंह ने जिले में चल रहे आईआरएस चक्र और एईएस वार्ड का मुआयना किया। अभी तक लक्ष्य के 80 प्रतिशत छिड़काव को उन्होंने उम्दा प्रदर्शन मानते हुए शाबासी दी। दौरे के क्रम में वह आईआरएस के कार्यों से काफी संतुष्ट दिखे। मलेरिया ऑफिस की कार्यवाही और व्यवस्था को देख उन्होंने वहां सेल्फी भी ली। इसके बाद डॉ सिंह सदर अस्पताल स्थित एईएस वार्ड गए जहां वह उपकरण और दवाओं से संतुष्ट दिखे, पर चिकित्सक और पारामेडिकल कर्मियों की संख्या में इजाफा करने को कहा। सदर होकर डॉ सिंह डुमरा पीएचसी गए जहां उन्होंने चमकी वार्ड, एमएमडीपी क्लीनिक का मुआयना किया।
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