लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर नीतीश कुमार मिशन विपक्षी एकता में जुटे हैं। और एक के बाद एक विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं। इसी कड़ी में जानकारी सामने आ रही है कि शुक्रवार को नीतीश कुमार ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले हाल ही में नीतीश ने प.बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से एक ही दिन मुलाकात की थी। शाम को कोलकाता में ममता से मिले और फिर कुछ घंटों बाद ही लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने विपक्ष को मजबूत बनाने पर जोर दिया था और बीजेपी को हर हाल में हराने की बात कही थी।
पटनायक से मिल सकते हैं नीतीश
अब शुक्रवार यानि 5 मई को नीतीश कुमार ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात कर सकते हैं। और फिर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से भी मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले नीतीश कुमार में दिल्ली में तीन दलों के नेताओं से मुलाकात की थी। जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम केजरीवाल और फिर वाम दलों के नेता सीताराम येचुरी और डी राजा से मुलाकात की थी। और 2024 की तैयारी के मद्देजनर रणनीति को पुख्ता किया था।
ललन सिंह ने हेमंत सोरेन से की मुलाकात
वही कल ही नीतीश की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने रांची में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी। और कई मुद्दों पर चर्चा की। वैसे जहां-जहां नीतीश जा रहे हैं, ललन सिंह भी उनके साथ रहते हैं। फिर चाहे नीतीश का दिल्ली दौरा रहा हो, या फिर बंगाल और यूपी दौरा। वैसे तेजस्वी को भी नीतीश अपने साथ ले जाते हैं।
जारी है नीतीश का मिशन विपक्षी एकता
कयास लगाए जा रहे हैं कि कर्नाटक चुनाव के बाद कभी भी विपक्षी दलों की बड़ी बैठक पटना में हो सकती है। क्योंकि ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार से मुलाकात के दौरान ये अपील की थी, कि विपक्षी दलों की पहली बैठक वहीं हो जहां से जेपी का आंदोलन शुरु हुआ था। वहीं नीतीश ने भी इशारों-इशारों में पटना में बैठक पर सहमति जताई है। ऐसे में देखना होगा कि नीतीश कुमार जिस तरप तूफानी अंदाज में विपक्षी दलों के नेताओं से मैराथन बैठक कर रहे हैं। इनका असर विपक्षी एकता पर कितना पड़ेगा।
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