पटना: बीजेपी विधायक लखीन्द्र पासवान को सदन की कार्रवाई से दो दिनों तक के लिए निलंबित किये जाने से नाराज बीजेपी विधायकों ने विधानसभा परिसर में धरना पर बैठ गये। बीजेपी विधायकों ने इस दौरान जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। बीजेपी विधायकों ने दो दिनों तक सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होने की बात कही। बीजेपी विधायक लखीन्द्र पासवान ने कहा कि सदन में बिहार की सेविका और सहायिका को सम्मान जनक वेतन देने का मांग किया था। बिहारभर में एससी एसटी के छात्रों को स्कॉलरशिप बंद किये जाने को लेकर वे प्रश्न कर रहे थे। हम पर माइक तोड़ने का आरोप लगाया। यदि माइक फूटा तो उसका फूटेज देख ले। माइक तोड़ते हुए कोई विजुअल नहीं है। मेरी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार के पासवान समाज के साथ अपमान किया जा रहा है। दलितों के मुद्दा उठाने वाले जनप्रतिनिधि पर कार्रवाई की जा रही है। माले विधायक सत्ता में हैं इसलिए उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी एक तरफा निर्णय लेकर लखेन्द्र पासवान का माथे पर थोपा गया है। बिहार की जनता देख रही है। दो दिनों तक भाजपा के एक भी विधायक सदन में नहीं जाएंगे। दलितों के उत्थान के लिए 200 दिनों के लिए निलंबित किया जाता है कि तो हम स्वीकार करेंगे। वही नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या की गयी है। सत्ता में बैठे भ्रष्टाचारियों के ईशारे पर आसन्न एक निर्दोष विधायक पर कार्रवाई का खेल खेला। एकतरफा खेल है इन विधायक को बोलने नहीं दिया तीसरा पूरक में ही रोक दिया। उनके विधायक के द्वारा जिस तरह से अपशब्दों का बौछार हुआ गाली दिया और बेल में आकर जिस तरह से धमकी दे रहे थे पूरा बिहार देखा है।
दरअसल, बिहार विधानसभा में आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी के विधायकों ने जोरदार हंगामा किया। बीजेपी विधायकों ने सदन के भीतर आरोप लगाया कि उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है और उनके साथ गाली गलौज की जाती है। इसको लेकर विधानसभा में बीजेपी ने जबरदस्त हंगामा किया। इस दौरान बीजेपी विधायक लखिन्द्र पासवान पर माइक तोड़ने का भी आरोप लगा। माइक तोड़ने के आरोप पर बीजेपी विधायक ने सफाई देते हुए कहा कि माइक उन्होंने नहीं तोड़ा है बल्कि उसका पेंच ढीला था।
बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया है कि विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा विपक्ष के माइक को बंद कर दिया जाता है और आरजेडी के विधायक के द्वारा गालियां दी जाती हैं। लखेंद्र पासवान ने कहा हम लोग सदन में गालियां सुनने नहीं आते हैं। अगर कार्रवाई नहीं की जाएगी और विधानसभा अध्यक्ष पक्ष और विपक्ष दोनों को समान नजर से नहीं देखेंगे तो हम लोग सदन के अंदर नहीं जाएंगे। लखेंद्र पासवान ने कहा कि हमारे माइक को बंद कर दिया गया था और इस पर जब हमने इस पर आसन से सवाल किया तो हम पर माइक तोड़ने का आरोप लगा दिया गया। इसके बाद भी उनपर स्पीकर के तरफ से एक्शन लेते हुए दो दिनों तक सदन से बाहर रहने का निर्देश दिया गया है।
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