पटना: रहस्यमय परिस्थिति में ला’पता एनएमसीएच के फार्माकालोजी विभाग के अध्यक्ष सह परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार के मामले में फिलहाल संशय की स्थिति बनी हुई है। लाप’ता होने के 12 दिन बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला है। घट’ना के कई दिन बीत जाने के बावजूद डॉक्टर का अता-पता नहीं चलने से परिजन व साथी डॉक्टरों में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी है। उधर गंगा में तलाश के लिए नेवी को बुलाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
उधर मामले की गंभीरता को देख पुलिस के वरीय अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। इस मामले में एसएसपी राजीव मिश्रा और सेंट्रल रेंज के आइजी राकेश राठी ने मामले की समीक्षा की है। दरअसल गत एक मार्च से ही डॉक्टर संजय कुमार लापता हैं। लेकिन पुलिस को रहस्यमय परिस्थितियों में डॉक्टर के लापता होने का कोई ठोस कारण नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर डॉक्टर के परिजनों और आइएमए के सदस्यों ने रविवार को पैदल मार्च भी निकाला। परिजनों का आरोप है पुलिस अपहरण के कोणों से जांच करने के बजाय मामले को आत्महत्या की ओर मोड़ने की कोशिश में जुटी हुई है। लेकिन ऐसी कोई परिस्थिति अब तक सामने नहीं आई है। जिससे ऐसा लगे कि डॉक्टर संजय आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हों।
पटना पुलिस ने नेवी बुलाने के लिए किया पत्राचार
एनडीआरएफ की टीम द्वारा गंगा में लगातार तलाश के बावजूद डॉक्टर का कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है। लिहाजा पुलिस सूत्रों की माने तो डॉक्टर की तलाश करने के लिए अब नेवी की मदद ली जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है। पटना पुलिस ने इस संबंध में जिलाधिकारी और गृह विभाग से पत्राचार किया है। नेवी की टीम सोनार सिस्टम से किसी भी चीज की तलाश करती है। ध्वनि संचार आधारित इस तकनीक से पानी के अंदर अथवा नीचे सतह मौजूद चीजों का आसानी से पता लगाया जा सकता है। सोनार में लगे उपकरण की तरंगें जैसे ही सतह से किसी चीज से टकराती है। जहाज में रखा ट्रांसमीटर उन तरंगो को पढ़ लेता है।
बरामदगी के लिए पैदल मार्च
नालंदा मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. संजय कुमार के रहस्यमय तरीके से गायब होने के विरोध में चिकित्सकों ने पैदल मार्च किया। आईएमए भवन से पटना जेपी गोलम्बर तक हुए इस पैदल मार्च में डॉ. संजय के परिजन भी शामिल हुए। संघ की ओर से कहा गया कि डॉ. संजय कुमार के लापता होने से बिहार के सभी चिकित्सक दुखी हैं। इसलिए बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के साथ ही विभिन्न चिकित्सक संगठन जैसे आईएमए, बिहार, पटना ऑब्सटेट्रिक एवं गायनेकोलॉजी सोसाइटी, बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन, पटना एनेस्थिसिया सोसाइटी, जूनियर डॉक्टर नेटवर्क, आईएमए मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क, बिहार राज्य दंत चिकित्सक संघ, इंडियन डेंटल एसोसिएशन, एम्स, आईजीआईएमएस, एनएमसीएच, पीएमसीएच के फैकल्टी एसोसिएशन, रेजिडेन्ट डॉक्टर एसोसिएशन इत्यादि के चिकित्सकों एवं पटना के नन मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों ने भाग लिया। विभिन्न राजनैतिक दलों से जुड़े चिकित्सक यथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, जदयू के डॉ. सुनील कुमार सिंह ने भी अपने उपस्थिति दर्ज कर डॉक्टरों की एकता को प्रदर्शित किया।
आईएमए बिहार के वरीय चिकित्सकों ने उम्मीद जताया कि सरकार हमारे एवं डॉ. संजय कुमार के परिवार वालों के दुख को समझेगी एवं शीघ्रातिशीघ्र वैज्ञानिक जांच करते हुए डॉ. संजय कुमार की सकुशल बरामदगी सुनिश्चित करेगी। मार्च में भासा के अध्यक्ष डॉ. महेश प्रसाद सिंह, महासचिव डॉ. रणजीत कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. कुमार सौरभ, अपर सचिव डॉ. हसरत अब्बास, उपाध्यक्ष डॉ. रोहित कुमार सहित सभी संघों से जुड़े चिकित्सक मौजूद थे।
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