Press "Enter" to skip to content

मुजफ्फरपुर किडनी कां’ड: NHRC ने एसएसपी-डीएम से मांगी रिपोर्ट, 21 मार्च को आयोग के समक्ष होगी सुनवाई

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर के चर्चित किडनी कांड मामले में NHRC ने जिले के डीएम और एसएसपी से रिपोर्ट की मांग की है। मानवाधिकार के अधिवक्ता एस.के.झा से भी 14 मार्च तक प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा है। मामले में 21 मार्च को आयोग के समक्ष सुनवाई होगी।

Muzaffarpur Team formed to investigate kidney case health department will  also take action after report | मुजफ्फरपुर : किडनी कांड में की जांच के लिए  टीम गठित, रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य

गौरतलब है कि पी’ड़ित महिला सुनीता देवी के ओवरी के ऑपरेशन के दौरान दोनों किडनी निकालने जाने का मामला सामने आया था। मामला प्रकाश में आने के बाद मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं राज्य मानवाधिकार आयोग में याचिका दाखिल की थी, जिसपर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली एवं राज्य मानवाधिकार आयोग पटना में सुनवाई चल रही है।

बता दें कि सकरा थाने के मथुरापुर गांव की रहने वाली सुनीता देवी को अचानक पेट में दर्द हुआ था। जिसका इलाज बरियारपुर के शुभकान्त क्लिनिक में एक झोलाछाप डॉक्टर पवन कुमार ने किया था। डॉक्टर पवन कुमार ने महिला के गर्भाशय में ट्यूमर होने की बात कही और 3 सितम्बर को महिला का ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद सुनीता की हालत और बिगड़ने लगी। शरीर में सूजन होने लगा। तब जाकर महिला के परिजनों ने मुजफ्फरपुर के एस.के.एम.सी.एच. में सुनीता का सी.टी. स्कैन कराया गया।

जिसकी रिपोर्ट में दोनों किडनी गायब होने की बात सामने आई। ओवरी के ऑपरेशन के दौरान किडनी गायब होने की एफ.आई.आर. के बाद प्रशासनिक अधिकारी सकते में आये और फिर मामले की जांच शुरू की गयी। जांच के दौरान यह बात पता चला कि उक्त क्लिनिक सरकार के मानदंड के अनुरुप काम नहीं करता है।

मामले में सकरा  (बरियारपुर ओपी ) थाना अभियुक्तों के विरुद्ध दर्ज किया गया। जिसमें डॉ. पवन कुमार, आर. के. सिंह, संगीता देवी को नामजद बनाया गया। वही दो अन्य अज्ञात के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया। जांच में मामला सही पाये जाने के बाद अभियुक्त डॉ. पवन कुमार को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। आयोग ने मामले की सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर  जिलाधिकारी से पी’ड़िता के इलाज के लिए वित्तीय सहायता दिए जाने और पी’ड़िता को मिलने वाली क्षति’पूर्ति अनुदान के सम्बन्ध में रिपोर्ट की मांग की।

वही अन्य अभियुक्तों की गिर’फ़्तारी के सम्बन्ध में पूरे ब्यौरे को एसएसपी से मांग की है। आयोग के आदेशानुसार जो जांच चल रही हैं, उसमें यह बात प्रकाश में आया कि चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम द्वारा आयोग को जो रिपोर्ट भेजी गयी हैं, उसमें स्पष्ट अंकित हैं कि जल्द-से-जल्द मरीज के किडनी डोनर की व्यवस्था कर उच्च संस्थान में रेफर करते हुए किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था किया जाए, ताकि मरीज की जान बचाई जा सके। मामले के सम्बन्ध में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि  संयुक्त समिति द्वारा जो अनुरोध किया गया है, उसपर सरकार को अविलम्ब ध्यान देते हुए मरीज की जान बचाने की दिशा में ठोस पहल करने की आवश्यकता है।

Share This Article
More from ADMINISTRATIONMore posts in ADMINISTRATION »
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from CRIMEMore posts in CRIME »
More from HEALTHMore posts in HEALTH »
More from Health & WellnessMore posts in Health & Wellness »
More from MUZAFFARPURMore posts in MUZAFFARPUR »
More from STATEMore posts in STATE »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *