पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस पर के दिए गए बयान के बाद आरजेडी और जेडीयू के बीच बयानबाजी दौर का शुरू है। इस दौरान ये बातें शुरू हो गई कि जेडीयू और आरजेडी में कुछ ठीक नहीं है। वहीं, इस मामले में अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का बड़ा बयान सामने आया है।
उन्होंने कहा कि ये सब बीजेपी की एक सोची समझी राजनीतिक साजिश है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कभी उपराष्ट्रपति, कभी केंद्रीय मंत्री तो कभी राज्यपाल बनाए जाने की भी अफवाह फैलाई जा रही थी। इन्हीं लोगों द्वारा कभी जेडीयू को भी तोड़ने की साजिश की जा रही थी।
जनता किसके साथ है सब जानते हैं
तेजस्वी यादव ने कहा कि अब बिहार में जब से महागठबंधन की सरकार है, तब से अपने एजेंडे के तहत महागठबंधन सरकार ने नौकरियां देने, जातिगत जनगणना कराने का कार्य शुरू किया है. वही लोग फिर से साजिश रचने का काम कर रहे हैं. इन सभी बातों को मुख्यमंत्री और हम सब समझते हैं और उन लोगों को पहचानते हैं। बिहार में महागठबंधन के शीर्ष नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू प्रसाद हैं. जनता किसके साथ है ये सब जानते हैं. महागठबंधन टूटने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।
वास्तविक मुद्दों पर हो बहस
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि हम लोगों को सभी जाति-धर्मों और ग्रंथों का आदर करना चाहिए. ग्रंथों और धर्म की बजाय हमें वास्तविक मुद्दों पर बहस करनी चाहिए. धर्म और राजनीति को दूर रखना चाहिए तभी जनता के असल मुद्दों पर हम बात कर पायेंगे।
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि देश में सबसे बड़ा ग्रंथ संविधान है. देश संविधान के मुताबिक ही चलता है. कोई ग्रंथ उससे बड़ा नहीं है. मंदिर -मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम ये सब बीजेपी और बीजेपी समर्थित लोगों के मुद्दे हैं. जबकि चर्चा शिक्षा-चिकित्सा, रोजी-रोटी, विकास और जनकल्याण पर होनी चाहिए. धर्म और ग्रंथ पर नहीं होनी चाहिए. बिहार में महागठबंधन की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में बहुत ही अच्छे तरीके से कार्य कर रही है।
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