पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से दूरी बनाई है। दुनिया के सबसे लंबे क्रूज गंगा विलास के उद्घाटन समारोह में बिहार की ओर से नीतीश के बजाय डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शिरकत की। इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इससे पहले भी पीएम मोदी की यूपी और पश्चिम बंगाल में हुई बैठकों में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे और अपने डिप्टी तेजस्वी को भेजा था।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यूपी के वाराणसी से एमवी गंगा विलास क्रूज को रवाना किया। यह क्रूज 51 दिनों की यात्रा करते हुए भारत के पांच राज्यों और बांग्लादेश से गुजरेगा। इसमें सवार होने वाले यात्रियों को बिहार समेत अन्य राज्यों के धरोहर स्थलों का दौरा कराया जाएगा। गंगा विलास क्रूज के उद्घाटन कार्यक्रम में बिहार की ओर से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े।
तेजस्वी ने कहा कि गंगा विलास क्रूज बिहार के 6 स्थलों बक्सर, छपरा, पटना, सिमरिया, मुंगेर, सुल्तानगंज और कहलगांव में रुकेगा। क्रूज के बिहार से गुजरने पर पर्यटकों का संस्कृति और इतिहास से परिचय होगा। यात्रा को सुगम और गतिमान बनाने के लिए जिलों में एक-एक नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।
पीएम के कार्यक्रम से नीतीश की दूरी
इससे पहले भी कुछ मौकों पर नीतीश कुमार पीएम के कार्यक्रम से दूरी बना चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले साल अगस्त में बीजेपी को छोड़कर महागठबंधन के साथ राज्य में सरकार का गठन किया था। उन्होंने बीजेपी पर जेडीयू को खत्म करने की साजिश रचने के आरोप लगाए। 30 दिसंबर को कोलकाता में नमामि गंगे योजना को लेकर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की बैठक हुई। मगर सीएम नीतीश उसमें नहीं गए और तेजस्वी को भेजा।
इससे पहले जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर हुई प्रधानमंत्री की बैठक में भी नीतीश नहीं शामिल हुए थे। यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पूर्वी राज्यों की बैठक से भी नीतीश ने दूरी बनाई थी और तेजस्वी को उसमें भेजा था।बीजेपी लगातार नीतीश कुमार पर आरोप लगा रही है कि वे पार्टी को दो बार धोखा दे चुके हैं। इसलिए उनमें पीएम नरेंद्र मोदी का सामना करने की हिम्मत नहीं है। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि सीएम नीतीश प्रधानमंत्री मोदी से नजरें चुरा रहे हैं। अगर पीएम मोदी बिहार आते हैं तो क्या प्रोटोकॉल के तहत वे उनका स्वागत भी नहीं करेंगे?
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