दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के पूर्व में 53 किमी दूर स्थित किरतपुर ब्लॉक में कोसी नदी पर ग्रामीणों ने बांस का पुल बनाया है। वैसे तो यह चचरी पुल है, कोसी नदी के विकराल रूप लेते ही इसका वजूद मिट जाएगा। फिलहाल कई गांवों के लोगों के लिए यह वरदान साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने इस पुल का नाम अंबानी सेतु रखा है। अंबानी सेतु पुल की वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वयंसेवक के रूप में काम करने वाले ग्रामीण नंदकिशोर पांडे उर्फ नंदू का कहना है कि किरतपुर ब्लॉक में कोसी नदी के बीच में बने बांस के पुल को पार करते समय आपके दिलों की धड़कन तेज हो जाएगी।
बता दें कि स्थानीय बीजेपी विधायक स्वर्णा सिंह ने अपने चुनावी एजेंडे में सर्वप्रथम किरतपुर में कोसी नदी पर पुल निर्माण को रखा था लेकिन चुनाव जीतने के दो साल बीत जाने के बावजूद अभी तक के विधायक ने क्षेत्र के लोगों की सुध नहीं ली है।
किरतपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि कैलू सदा ने कहा कि नेताओं और सरकार दोनों पर कटाक्ष करने के लिए इस पुल का नाम भारत के अरबपति व्यवसायी के नाम पर रखा गया है। हर साल जब कोसी नदी उफान पर होती है तो इस तरह का बांस का पुल बह जाता है। चचरी पुल सामान्य रूप से दिसंबर से मई तक के लिए आने जाने का साधन होता है।
किरतपुर प्रखंड के कोसी नदी के पूर्वी हिस्सों में बसे दर्जनों गांव के लाखों की आबादी इसी चचरी पुल के भरोसे हैं। लोग इसी पुल से ही आवागमन करते हैं। कोसी नदी में बारिश के मौसम में नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर चचरी पुल नदी की धारा के साथ बहकर ध्वस्त हो जाती है जिसके बाद ग्रामीणों को नाव के सहारे आवागमन करना पड़ता है।
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