पटना: अब सूबे में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्र-छात्राओं को महंगी और प्रतियोगिता परीक्षा के लिए आवश्यक किताबों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इन्हें सरकार पढ़ने और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए ऐसी किताबें उपलब्ध कराएगी।
अनूसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग ने इसके लिए व्यापक योजना तैयार की है। इन छात्र- छात्राओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सभी प्राक् परीक्षा केन्द्रों में बुक बैंक स्थापित होंगे। ऐसे तो कुछ स्थानों पर इसकी शुरुआत हो चुकी है। लेकिन चरणबद्ध तरीके से इसे सभी प्राक् परीक्षा केन्द्रों में स्थापित किया जाएगा।
विभाग ने वर्ष 2022-23 के लिए इन केन्द्रों में बुक बैंक के लिए 6 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। इससे इन केन्द्रों पर अनुसूचित जनजाति के छात्र छात्राओं के लिए बुक बैंक स्थापित होगा। पिछले दिनों इस योजना के लिए 2 लाख रुपए जारी भी किये गये थे। इससे पटना के अलावा, भोजपुर, गया, सारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, मुंगेर, पूर्णिया और सहरसा में बुक बैंक स्थापित किया जा रहा है। इन जिलों में 20-20 हजार रुपए का कोटा निर्धारित है। इसे अगले चरण में अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।
दरअसल, इस समय अनुसूचित जनजाति के छात्र- छात्राओं को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में कई तरह की परेशानी हो रही है। इसमें सबसे बड़ी समस्या पुस्तकों की है। प्रतियोगिता परीक्षा की पुस्तकें काफी महंगी होती हैं और तैयारी के लिए एक साथ कई किताबों की जरूरत होती है। लेकिन अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए इन्हें खरीदना संभव नहीं हो पाता है। इससे वे तैयारी में पिछड़ जाते हैं। इससे उनके चयन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सरकार का मानना है कि ये पुस्तक बैंक इन्हें तैयारी के लिए न केवल प्रोत्साहित करेगा बल्कि इन्हें इसमें मदद भी करेगा।
10 केन्द्र स्थापित :
एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल होने के लिए 10 प्राव प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। पटना, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया, आरा, सारण, सहरसा, पूर्णिया और मुंगेर विश्वविद्यालयों के तत्वावधान में इन केन्द्रों में बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में मदद की जा रही है।
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