बिहार में नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में मतदाताओं ने कई दिग्गजों और वीआईपी के संबंधियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जेडीयू एमएलसी सह जदयू जिलाध्यक्ष भीष्म साहनी की पत्नी गोदावरी देवी और पुत्रवधू रिंकी देवी दोनों, नगर निकाय चुनाव में बुरी तरह से पराजित हुई। भीष्म साहनी की पत्नी भीष्म साहनी की पत्नी गोदावरी देवी नगर के वार्ड 35 से वार्ड पार्षद की प्रत्याशी थी वही उनकी पुत्रवधू रिंकी देवी सभापति पद की प्रत्याशी थी।
वार्ड पार्षद पद चुनाव लड़ रही एमएलसी की पत्नी गोदावरी देवी को पार्षद पद पर 290 मत प्राप्त हुए और वे तीसरे स्थान पर रहीं। वहीं उनकी पुत्रवधू रिंकी देवी जो सभापति पद की प्रत्याशी थी उन्हें 41 सौ वोट प्राप्त हुए। वह भी तीसरे स्थान पर रहीं।
एमएलसी के दोनों सीटों के पर पराजय के बाद नगर में इसको लेकर चुनावी गणितज्ञों के द्वारा कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है । कुछ चुनावी विशेषज्ञ इसे एमएलसी के वोट बैंक में सेंध बता रहे हैं तो कुछ लोग इस हार को आगामी चुनाव से जोड़ कर देख रहें हैं। एमएलसी के दोनों सीटों पराजय के बाद नगर में चर्चाओं का बाजार जोरों पर है।
उधर बिहार के श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम की मां कलावती देवी वार्ड पार्षद का चुनाव हार गई हैं। कलावती देवी ने सारण जिले की दिघवारा नगर पंचायत के वार्ड 7 से पार्षद पद की प्रत्याशी थी। मंत्री के बड़े भाई की पुत्रवधू राजनंदिनी भी दिघवारा के मुख्य पार्षद पद का चुनाव हार गई हैं।
इसके अलावे मुजफ्फरपुर लोकसा सीट से भाजपा सांसद अजय निषाद को भी हाजीपुर के मतदाताओं ने रिजेक्ट कर दिया है। उनकी पत्नी रमा निषाद चुनाव हार गई हैं। हाजीपुर नगर परिषद के वार्ड नंबर 1 रमा निषाद को ज्योत्सना कुमारी 100 से अधिक वोट से हराया।
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