वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि केंद्र सरकार के बिहार के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तृतीय संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी। अब यह संसद में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
इसके माध्यम से हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक एवं छत्तीसगढ़ के कई जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का निर्णय हुआ है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने यूपी के 13 जिलों में गोंड जाति और उसकी पांच उप-जातियों को एससी से निकालकर एसटी में शामिल कर दिया है।
विजय चौधरी ने कहा है कि यह काफी दुखद है कि केंद्र सरकार ने एक बार फिर बिहार के लोगों की मांग को नजरअंदाज कर दिया है। बिहार सरकार ने लोहार, नोनिया, बेलदार, निषाद, बिंद आदि जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा वर्षों पहले की थी। इस संबंध में वर्ष 2008 एवं 2015 से लगातार मांग उठायी जाती रही है। राज्य सरकार ने केंद्र को कई स्मार पत्र भी भेजे हैं, परंतु राजनीतिक दुर्भावना से ग्रस्त केंद्र सरकार बिहार के प्रति हमेशा उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाती है।
विजय चौधरी ने कहा कि अभी हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं तो आनन-फानन में वहां की एवं अन्य प्रांतों की मांग मान ली गई, परंतु बिहार के इन लोहार, नोनिया, बिंद, निषाद, बेलदार आदि समाज के लोगों का क्या कसूर था, जो उसे वंचित रखा गया। उन्होंने कहा कि इस तरह का भेद-भाव निंदनीय है। केंद्र को अविलंब इस पर विचार करना चाहिए।
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