मुजफ्फरपुर: अजगैबीनाथ दुर्गा पूजा समिति की ओर से सरैयागंज के सिकंदरपुर मोड़ पर पूजा पंडाल तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। इस बार कोलकाता के काली मंदिर के स्वरूप में पंडाल का निर्माण होगा। इसमें माता चंडी महिषासुर का वध करती नजर आएंगी। बिजली चलित प्रतिमाएं श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगी।
स्थानीय कल्लू चौधरी की देखरेख में बंगाल के कारीगर काली मंदिर के स्वरूप में पंडाल का निर्माण करेंगे। वहीं, रोशनी की सजावट के लिए खासतौर से दिल्ली के कारीगरों को बुलाया जा रहा है। पूजा समिति के सचिव रवि महतो ने बताया कि समिति इस बार 51वां पूजनोत्सव मना रही है।
1971 में बाबा अजगैबीनाथ मंदिर के पुजारी लाल बाबा ने सर्वप्रथम पूजा की शुरुआत की थी। तब से लेकर अबतक आसपास के मोहल्लों के दो हजार परिवारों के सहयोग से पूजा की जा रही है। अनुपम कैंपस, अखाड़ाघाट रोड, नूनफर, यूवी टावर के पीछे का मोहल्ला, सिकंदरपुर रोड, जोगिया मठ के श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
सचिव ने बताया कि मूर्ति निर्माण मुन्ना पंडित व मनोज पंडित कर रहे हैं। इस बार महानिशा पूजा के दिन अहमदाबाद के विजय डेयरी से छप्पन भोग प्रसाद मंगवाया जा रहा है। इससे माता को भोग लगाया जाएगा। सप्तमी को बुंदिया और मूंग का प्रसाद चढ़ाया जाता है। अष्टमी को खीर का भोग लगाया जाता है। नवमी को कन्या पूजन के बाद हलवा, पूड़ी व चना का प्रसाद चढ़ाया जाता है। दसवीं को खिचड़ी का महाप्रसाद चढ़ेगा। अध्यक्ष पंकज कुमार सौरभ समेत समिति की 25 सदस्यीय टीम के सहयोग से पूजा संपन्न होती है।
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