बिहार में आपने पुलिसिंग की अलग-अलग तस्वीर देखी होगी. लेकिन, सूबे के पूर्वी चंपारण जिले से बेहतर पुलिसिंग दिखाने का एक नया मामला सामने आया है, दरअसल पूर्वी चंपारण में लगातार हो रही आप’राधिक घट’नाओं के बीच जिले के एसपी डॉ कुमार आशीष सिविल ड्रेस में लखौरा थाना पहुंचे, जहां ड्यूटी में तैनात महिला सिपाही आकृति कुमारी ने उन्हें रुकने को कहा और जब वह आगे बढ़ते चले गए तो महिला कॉन्स्टेबल ने उनके ऊपर राइ’फल तान दी. हालांकि, एसपी जब कोडवर्ड में महिला सिपाही से कुछ बोलते हैं तो मामला सामान्य हो गया और एसपी थाने के अंदर प्रवेश करते हैं.
दरअसल पूर्वी चंपारण के एसपी डॉ कुमार आशीष जिले की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के किए इन दिनों अलग-अलग थानों का निरीक्षण कर रहे हैं. इसी दौरान वह सादे लिवास में लखौरा थाना पहुंच गए. संयोगवश वहां ड्यूटी में तैनात एक महिला सिपाही ने उन्हें नहीं पहचाना और उन्हें रुकने के लिए कह दिया. इसी दौरान जब वो नहीं रुके तो कांस्टेबल ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए एसपी पर राइफल तान दी. यह पूरी स्टोरी बिलकुल एक सिनेमा की तरह नजर आई, इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
बता दें, महिला कांस्टेबल की इस दिलेरी को देखकर एसपी काफी खुश हुए और उन्होंने उसे पुरस्कृत करने का निर्णय लिया. लखौरा में जांच के बाद एसपी पर राय’फल तानने वाली महिला पुलिसकर्मी आकृति कुमारी को एसपी ने कर्तव्य को निष्ठा के साथ निभाने पर पांच सौ रुपये का पुरस्कार दिया. कुछ ही देर में लखौरा थाना में थानाध्यक्ष समेत सभी लोग आ गए, जिसके बाद एसपी ने थाने की सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया. एसपी का कहना था कि औचक निरीक्षण के दौरान महिला कॉन्स्टेबल ने बहादुरी का बेहतरीन परिचय दिया है, जिसके लिए उसे सम्मानित भी किया गया है.
बेहतर पुलिसिंग का दावा कितना सच?
हालांकि मोतिहारी के स्थानीय लोगों क अनुसार जिले में थानों की हालत ऐसी हो गयी है कि आम आदमी बगैर चढ़ावा दिये अपनी शिकायत को दर्ज नहीं करा सकता. ताजा मामला जिले के आदापुर थाना से जुड़ा है। जहां शिकायत दर्ज कराने गये सीआरपीएफ के पूर्व जवान को भी चढ़ावा के रुप मे 80 हजार रुपये देने पड़े, जिसकी शिकायत पूर्व जवान ने डीजीपी से की. वहीं पुलिसिंग की ऐसी कार्रवाई के बाद एसपी ने रक्सौल डीएसपी को जांच का निर्देश दिया है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि एक ओर तो मोतिहारी पुलिस बेहतर पुलिसिंग का दावा कर रही वहीं दूसरी ओर कई मामलों में पुलिस टीम उदासिनता भी देखने को मिल रही है.
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