बिहार में कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ से किसानों को बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. इस बार तो काफी कम बारिश होने की वजह से किसानों पर आफत का पहाड़ टूट पड़ी है. एक आंकड़े के मुताबिक अब तक बिहार में सिर्फ चालीस प्रतिशत ही बारिश हुई है, लिहाजा किसानों के धान का बिचड़ा खेत मे ही सूख गया.
आलम यह हुआ कि बारिश समय से नही होने पर धान की खेती पूरी तरीके से मार खा गयी. अब किसानों के सामने बची खेती को किसी तरह से बचाने के लिए पम्प सेट ही सहारा है. ऐसे में बिहार में किसानों के हित में और प्रदूषण को कम करने के लिए बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने बड़ा कदम उठाया है. हर खेत को पानी देने के अंतर्गत बीएसपीएचसीएल ने अगले तीन वर्षों में 4 लाख 50 हजार नए किसानों को बिजली कनेक्शन मुहैया कराएगी.
मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में वर्ष 2016-2017 में मात्र 84023 किसानों को बिजली दी गई थी, लेकिन बिजली विभाग के आंकड़े के मुताबिक किसानों को बिजली कनेक्शन देने में वर्ष 2016 से 2022 के बीच लगभग चार सौ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. साल 2016 से जुलाई 2022 तक 330207 किसानों को विद्युत कनेक्शन दिया गया है. अब बीएसपीएचसीएल के सीएमडी संजीव हंस ने ज्यादा से ज्यादा किसानों को आसानी से पटवन और खेती करने के लिए बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.
सीएमडी संजीव हंस के मुताबिक डीजल पम्प सेटों से खेती करने पर उससे निकले वाली धुंआ से प्रदूषण का खतरा है और किसानों को इस मद में खर्च भी ज्यादा करना पड़ता है. लेकिन, बिजली से पटवन करने पर इस मद में खर्च में काफी कमी हुई है जो घटकर 10 से 15 प्रतिशत रह गई है. ऐसे बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने अगले तीन वर्षों में 4 लाख 50 हजार नए कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य रखा है ताकि किसानों के आय में बढ़ोतरी हो और प्रदूषण भी कम फैले.
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