बिहार के कैमूर में एक कांग्रेस नेता का श’व मिलने से कोह’राम मच गया। एनएच-30 पर डंगरी गांव के सामने बुधवार की अहले सुबह कांग्रेस के वरिष्ट नेता चन्द्रमा यादव का श’व मिला। परिजनों का आरोप है कि उनकी धा’रदार हथि’यार से ह’त्या करने का दावा करते हुए एक्सीडेंट का रूप देने के लिए श’व को एनएच-30 पर रख देने की बात कही है।
घटना से आक्रोशित समर्थकों ने एनएच-30 को कई घंटों तक जाम रखा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों व समर्थकों को समझा-बुझाकर शव को उठवाया व पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भभुआ भेजवाया।
बताया जाता है कि सलथुआं गांव के कांग्रेस नेता चन्द्रमा यादव रोहतास जिले के परसथुआं में किराये के मकान में रहते थे। सुबह में टहलने के लिए वे एनएच-30 पर निकले। करीब पांच बजे लोगों को जानकारी मिली कि सड़क हादसे में डंगरी गांव के सामने उनकी मौत हो गयी। सूचना मिलते ही घटनास्थल पर भीड़ लग गयी।
परिजनों ने जब उनका शव देखा तो जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि उनकी हत्या करके शव को यहां रख दिया गया है। उनके सिर व पैर पर धारदार हथियार से मारने के निशान दिखाये जा रहे थे। मृतक के भाई शेषनाथ सिंह ने बताया कि उनकी साजिश के तहत हत्या की गयी है। धारदार हथियार से हत्या करके उनको एनएच के किनारे फेंक दिया था। पहले ही एक बार इनके साथ इस तरह का हादसा हो चुका था।
घटनास्थल पर पहुंचे डीएसपी फैज अहमद खां ने बताया कि परिजनों का दावा है कि धारदार हथियार से उनकी हत्या की गयी है। अभी तक उनका आवेदन नहीं मिला है। आवेदन मिलने पर एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जायेगी।
कांग्रेस की टिकट पर लड़े थे विधानसभा चुनाव
चन्द्रमा यादव का कांग्रेस में उंचा कद था। वे वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बिक्रमगंज विधानसभा से चुनाव लड़े थे। जिसका नाम इनदिनों काराकाट विधानसभा हो गया है। उनकी पत्नी उन दिनों कुदरा भाग-1 से जिला पार्षद थीं।
बाद में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सदस्य बनाया गया। मिलनसार स्वभाव के चन्द्रमा यादव के निधन से राजनीतिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गयी है। पूर्व जिप अध्यक्ष प्रमोद सिंह यादव, कांग्रेस के वरिष्ट नेता उपेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व जिप उपाध्यक्ष सुनील सिंह कुशवाहा व भाजपा नेता दीनानाथ सिंह उनकी मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
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