राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों ने चौथे दिन भी हड़ताल जारी रखा है। जूनियर छात्रों ने ओपीडी में बहाल सेवाओं का बहिष्कार किया है। आक्रोशित जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार को रजिस्ट्रेशन काउंटर में ताला जड़ दिया। जिसके चलते एक भी मरीज पर्चा नहीं कटा सके।
सुबह करीब 9 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक जूनियर डॉक्टर अनशन पर बैठे रहे। जूनियर डॉक्टर के हड़ताल के कारण राज्य के अलग-अलग जिलों से आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, इस दौरान आपातकालीन सेवा को चालू रखा गया है, ताकि इमरजेंसी में आए मरीजों का इलाज किया जा सके।
स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग
जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि 2017 के बाद से हमारा स्टाइपेंड नहीं बढ़ा है। जबकि आईजीआईएमएस और एम्स में जूनियर डॉक्टरों को करीब 27000 से ₹30000 प्रति माह मानदेय के रूप में मिलता है।
आगे उन्होंने कहा कि आईजीआईएमएस, एम्स और पीएमसीएच में सामान्य काम होता है तो सामान्य वेतन भी होना चाहिए। हमें महज ₹15000 स्टाइपेंड के तौर पर मिलती है। जब कि हमसे ज्यादा तो दैनिक मजदूर कमाते हैं। जब तक हमारी मांगों को पूरी नहीं की जाती है तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही उनका यह भी कहना है कि लिखित आश्वासन जब तक नहीं मिलेगा तब तक यह हड़ताल जारी रहेगा।
मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी
वही आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक इस बार हमारी मांगे को पूरी नहीं की जाती है तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। वही उनके हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले चार दिनों से हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव से उनके आवास पर मिलने पहुंचे थे, जहां पर तेजस्वी यादव ने मामले को देखते हुए संज्ञान लिया है।साथ ही उन्होंने कहा की मैंने अभी पदभार संभाला है।इस मामले में आपकी जो भी मांगे है जांच होने के बाद पूरी की जाएगी।
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