भीषण गर्मी से जिले में ओआरएस की खपत तीन गुना बढ़ गई है। बिहार मुजफ्फरपुर जिले में वर्ष 2021-22 में 55 लाख ओआरएस पैकेट का इस्तेमाल लोगों ने किया। वहीं वर्ष 2020-21 में 20 लाख पैकेट की खपत जिले में हुई थी।
जिला स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बीते वर्ष सरकारी अस्पतालों में करीब 25 लाख ओआरएस मरीजों को बांटे गए। वहीं ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव संजीव कुमार की मानें तो दुकानों में 30 लाख ओआरएस के पैकेट बिके।
इधर, एक अगस्त से चलने वाले सघन दस्त पखवाड़ा के लिए दस लाख ओआरएस पैकेट का ऑर्डर बीएमएसआईसीएल को दिया गया है। दवा दुकानदारों ने बताया कि एईएस और भीषण गर्मी के कारण ओआरएस की बिक्री ज्यादा बढ़ी है।
शिशुओं के लिए जरूरी है ओआरएस
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण शाह ने बताया कि बच्चों को कमजोरी और डायरिया से बचाव के लिए ओआरएस दिया जाना जरूरी है। पूरे देश में हर वर्ष एक लाख से अधिक बच्चे डायरिया प्रभावित होते हैं। दस्त में ओआरएस एक महत्वपूर्ण दवा है।
ओआरएस के साथ जिंक भी डायरिया से ग्रस्त मरीजों को दिया जाता है। ओआरएस से शरीर में कम हुए तत्वों की पूर्ति हो जाती है। सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. चिन्मयन शर्मा ने बताया कि अभी के मौसम में बच्चे धूप में स्कूल जाते हैं। धूप तेज होने से बच्चों में पानी की कमी हो जाती है।
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