बिहार के पश्चिमी चंपारण में एक बार फिर गिरफ्तारी करने गई पुलिस पर बदमा’शों ने जान’लेवा ह’मला कर दिया। पुलिस टीम शिकारपुर थाना क्षेत्र के बरवा बरौली गांव में आर्म्स एक्ट व दलित उत्पीड़न के दो आरोपितों को गिरफ्तार करने गई थी। शिकारपुर थाना पुलिस टीम पर आरोपियों के समर्थकों ने हमला कर दिया।
हमला उस समय हुआ जब पुलिस दोनो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चुकी थी। हमलावरों ने दोनों अभियुक्तों को भी पुलिस के हाथ से छुड़ाकर भगा दिया। दोनों अभियुक्त बरवा बरौली गाँव निवासी सोहैल अख्तर व शेख अरसद उर्फ मुसा हैं। गिरफ्तारी से आक्रोशित अभियुक्तों के समर्थकों ने एक जूट होकर पुलिस टीम पर हमला बोल दिया।
हमले में पुलिस पदाधिकारियों व जवानों को भाग कर अपनी जान बचानी पड़ी। थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि पुलिस को गुप्त सुचना मिली थी कि शिकारपुर थाना कांड संख्या 1/20 के फरार अभियुक्त सोहैल अख्तर व शेख अरसद उर्फ मुसा बरवा बरौली गांव में है। सुचना पर पुलिस टीम का गठन किया गया। इसमें एसआई अजीत कुमार सिंह, एएसआई पंकज सिंह व मीना देवी को सदलबल छापेमारी के लिए भेजा गया।
छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार भी कर लिया। लेकिन अभियुक्तों के समर्थकों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। पुलिस अधिकारियों के साथ धक्का मुक्की भी की गई और अभियुक्तों को छुड़ा लिया गया।
मामले में 17 लोगो को चिन्हित करते हुए 69-70 अज्ञात लोगोम के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गयी है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि जनवरी 2020 में बरवा बरौली गांव निवासी बृजेश कुमार शर्मा ने नौ लोगों के विरूद्ध घर में घुस कर मारपीट करने,जाति सूचक गाली देने, तोड़फोड़ करने व फायरिंग करने का आरोप लगाते हुए शिकारपुर थाने में एफआईआर दर्ज करायी है।
आरोपितोम के घर में छिपे होने की सुचना पर एसआई अजीत कुमार सिंह के साथ पुलिस टीम गांव में पहुची थी। इस दौरान पुलिस टीम के साथ दुर्व्यव्हार भी किया गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस टीम पर हमला करने वाले और सरकारी कार्य में बाधा डालने वालो को किसी भी सुरत में बख्शा नहीं जाएगा।
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