बिहार के पंचायत मुखियाओं का वोल्टेज अब बढ़ गया है। नीतीश कुमार सरकार त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के खातों में 1921 करोड़ रुपये का भुगतान कर किया है। इनमें 1343 करोड़ रुपये ग्राम पंचायतों को दिए गए हैं। जबकि पंचायत समितियों और जिला परिषदों को 288-288 करोड़ रुपये मिले हैं।
15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत मिली इस राशि को पंचायती राज विभाग ने सीधे पंचायतों के खातों में भेजा है। पंचायतों के मुखिया इस राशि को गांवों में पेयजल, स्वच्छता और विकास कार्य में खर्च कर सकेंगे।
पंचायतों को दो अलग-अलग मदों (टाइड और अनटाइड) के अंतर्गत राशि भेजी गई है। टाइड मद में 60 प्रतिशत तो अनटाइड मद में 40 प्रतिशत राशि गई है। टाइड मद की राशि सरकार द्वारा चिह्नित योजनाओं में खर्च करनी है। इनमें पेयजल आपूर्ति, जल संरक्षण, गली-नाली पक्कीकरण, स्वच्छता, खुले में शौचमुक्त के सतत रखरखाव आदि पर खर्च होगा।
वहीं, अनटाइड मद की राशि को विभिन्न विकास कार्यों में लगाया जाएगा, जिसका निर्णय ग्राम सभा में लिया जाएगा। अनटाइड राशि खेल के मैदान, सामुदायिक भवन निर्माण, शवदाह गृह, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाओं का विकास पर खर्च होंगे। अनटाइड मद की राशि का उपयोग वार्ड से आए प्रस्ताव पर भी किया जा सकेगा।
हर पंचायत को मिले 12-22 लाख रुपये
बिहार में 8067 ग्राम पंचायतें, 38 जिला परिषद और 533 पंचायत समितियां हैं। ग्राम पंचायतों के क्षेत्र और आबादी को देखते हुए 12 से 22 लाख रुपये तक की राशि हर एक के खाते में गई है। वहीं एक जिला परिषद को 12 से 15 करोड़ रुपये और पंचायत समितियों को एक करोड़ रुपये तक की राशि मिली है।
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