मुजफ्फरपुर जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवारा 15 से 30 जुलाई तक चलेगा. इसके सफल संचालन के लिए डीएम ने शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. डीएम ने कहा कि निर्धारित लक्ष्य को पाने की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ दायित्वों का निर्वहन करें.
एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश
डीएम ने निर्देश दिया कि इसकी सफलता के लिए सभी अधिकारी अपने-अपने स्तर से एक्शन प्लान तैयार करें, ताकि निर्धारित समय पर पखवारे का शुभारंभ और सफलतापूर्वक समापन सुनिश्चित हो. आवश्यकतानुसार जिंक व ओआरएस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है. आइसीडीएस व जीविका के माध्यम से पखवारे के आयोजन के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाये. इस संबंध में सरकार के द्वारा जो गाइडलाइन दिये गये हैं, उसका अक्षरशः अनुपालन करें.
शिशु मृ’त्यु दर को शून्य करना लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीपीटी से बताया कि इस पखवारा का उद्देश्य जिले में दस्त के कारण होने वाले शिशु मृ’त्यु दर को शून्य करना है. डायरिया से होने वाली मृ’त्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है. ओआरएस व जिंक के प्रयोग से डायरिया से होने वाली मृ’त्यु को टाला जा सकता है.
मौसम में लगातार बदलाव
सीएस ने कहा इस दौरान अंतरविभागीय समन्वय द्वारा दस्त के उपायों, दस्त होने पर ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग, दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित इलाज के पहलुओं का क्रियान्वयन किया जाना है. मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. इससे सर्दी-खांसी, जुकाम समेत अन्य मौसमी बीमारी आम हो गयी है.
डायरिया की भी संभावना बढ़ी
वहीं, डायरिया की भी संभावना बढ़ गयी है. ऐसे में हमें विशेष सावधान रहने की जरूरत है. अत्यधिक निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होने से समस्या बढ़ जाती है और उचित प्रबंधन के अभाव में यह जानलेवा भी हो जाता है. इससे सतर्क व सही समय पर इालज से इस रोग से सभी को सुरक्षित किया जा सकता है।
बैठक में कौन रहे मौजूद
बैठक में सीएस डॉ उमेश चंद्र शर्मा, डीपीआरओ कमल सिंह, डॉ एके पांडेय, डॉ सतीश कुमार, डॉ आनंद गौतम, डीपीएम बीपी बर्मा, सौरभ तिवारी के साथ सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम बीएचएम तथा अन्य उपस्थित थे.
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