बिहार के छपरा जिले में एक ऐसी बारात निकली जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। इतना ही लोगों में दूल्हे के साथ सेल्फी लेने की होड़ भी देखने को मिली। दरअसल यहां दूल्हा बनकर शादी के 40 साल बाद गवना दोंगा कराने ससुराल छपरा के आमडाढी जा रहे 65 वर्षीय कमल सिंह को देखने के लिए गुरूवार देर शाम एकमा ठहर गया। अपनी आधा दर्जन बेटियों को पुलिस में भर्ती कराने वाले नाचाप गांव निवासी कमल सिंह की 42 साल पहले शादी हुई थी।
हालांकि मनमुटाव के कारण शादी के बाद वे ससुराल नहीं गये। फिर चार दशक बाद आत्म परिवर्तन हुआ तो दोंगा गवना की रस्म पूरे गाजे-बाजे, हाथी-घोड़ा और गाड़ियों के काफिले के साथ आमडाढ़ी गांव पहुंचे। चमकती मूंछों को बार-बार ऐंठते हुए और रथ पर सवार दूल्हा बने कमल सिंह के साथ लोग सेल्फी ले रहे थे जो आकर्षण का केंद्र था। बाजार में जाम से निपटने के लिए एकमा पुलिस मुस्तैद रही। वहीं बुजुर्ग दंपति के बच्चों ने गवना दोंगा की रस्म के लिए मां को 15 अप्रैल 2022 को मायके भेज दिया।
इसके बाद पिताजी को घोड़े वाली बग्घी पर बैठाकर उनके ससुराल ले गए। यहां बारात जैसे माहौल में कई लोग शामिल हुए। इस उम्र में दूल्हा-दुल्हन बने राजकुमार सिंह और शारदा देवी की खुशी साफ देखने को मिली। बता दें कि राजकुमार मशहूर सेवन सिस्टर्स के पिता हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सातों बहनें बिहार पुलिस और सेना में कार्यरत हैं। उन्होंने बेटियों को नौकरी दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया है। वहीं अपने इकलौते बेटे को इंजीनियर बनाया है। राजकुमार गांव में आटा चक्की चलाते हैं।
एकमा के आमदाढ़ी निवासी राजकुमार की शादी 42 साल पहले पांच मई को शारदा देवी के साथ हुई थी। लेकिन ससा-ससुर की मौत की वजह से पत्नी का दोंगा (गौना) नहीं हो पाया था। इस रस्म में पत्नी को मायके से अपने पति के घर दोबारा जाना होता है। राजकुमार और शारदा के बच्चों ने उनकी इस रस्म को यादगार बना दिया।
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