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ऐसे कैसे जीतेंगे कोरोना से जंग, प्राइवेट अस्पतालों की बूस्टर डोज को ‘ना’, कोविड टीकारकण के लिए केंद्र से मांगे टीके

प्राइवेट अस्पतालों ने बूस्टर डोज लगाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। जिसके चलते घोषणा के 21 दिन बाद भी जिले में कोरोना बूस्टर डोज लगाने का मामला लटका हुआ है। प्राइवेट अस्पताल बूस्टर डोज सरकार द्वारा उपलब्ध कराने पर ही यह जिम्मेदारी लेने की बात कह रहे हैं। केन्द्र सरकार ने 10 अप्रैल से बूस्टर डोज लगाने की घोषणा की थी। केंद्र सरकार से बूस्टर डोज की मांग भी की गई है।

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18 से 59 साल आयुवर्ग के लोगों को बूस्टर डोज लगाने की जिम्मेदारी निजी अस्पतालों को दी गई है। लेकिन 21 दिन बाद भी प्राइवेट अस्पातलों में बूस्टर डोज लगना शुरू नहीं हुआ है। सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी ने बताया कि मामले में प्राइवेट अस्पताल संचालकों से दोबारा बात की जाएगी। उनकी बातों को शासन तक पहुंचाया जा रहा है ताकि जल्द से जल्द बूस्टर डोज लगनी शुरू हो सके।

प्राइवेट अस्पतालों में आम लोगों को बूस्टर डोज न लग पाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार से टीका उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भेजा गया है।  कोरोना की चौथी लहर की आशंका को देखते हुए 18 से 59 साल के आम लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में बूस्टर डोज लगाने का निर्णय लिया गया है।

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केंद्र सरकार ने इसके लिए टीके की कीमत करीब चार सौ रुपये तय की है। लेकिन राज्य में महज कुछ ही अस्पताल टीके लगा रहे हैं और अभी तक सिर्फ दो हजार लोगों को ही बूस्टर डोज लग पाई है। ऐसे में यदि कोरोना की चौथी लहर आई तो आम लोगों की मुश्किल बढ़ सकती है। इस परेशानी को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर टीके उपलब्ध कराने को कहा है। ताकि प्राइवेट अस्पतालों के टीके न लगाने पर सरकार अपने अस्पतालों में ही टीकाकरण करा सके। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने इसकी पुष्टि की है।

राज्य में 18 से 59 आयु वर्ग में अभी पांच लाख लोग बूस्टर डोज के लिए पात्र हैं। लेकिन आने वाले दिनों में यह संख्या तेजी से बढ़ेगी और करीब 65 लाख लोगों को इस बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में प्राइवेट अस्पताल इतनी बड़ी मात्रा में लोगों का टीकाकरण कैसे कर पाएंगे यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

राज्य में अभी 10 के करीब ही प्राइवेट अस्पताल टीकाकरण कर पा रहे हैं। जबकि 10 जिलों में एक भी अस्पताल में टीकाकरण नहीं हो रहा है। ऐसे में आम लोगों के साथ ही विभाग और सरकार की मुश्किल बढ़ने जा रही है। बूस्टर डोज के लिए चाहिए 260 करोड़ : राज्य में 65 लाख लोगों को बूस्टर डोज यदि सरकार अपने स्तर पर लगाती है तो सरकार को करीब 260 करोड़ की जरूरत होगी। केंद्र सरकार ने एक टीके की कीमत चार सौ रुपये तय की है। ऐसे में 260 करोड़ रुपये खर्च कर टीके उपलब्ध हो सकेंगे। केंद्र यदि आधी कीमतों पर भी टीके उपलब्ध कराता है तो भी सरकार को 100 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है।

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