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संस्कृत कॉलेज के हॉस्टल पर बद’माशों ने किया क’ब्जा, परे’शान प्रिंसिपल ने DM से की शिका’यत

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि अंतर्गत चलने वाले संस्कृत कॉलेज के छात्रावास पर असामा’जिक त’त्वों ने क’ब्जा कर लिया है। परबत्ती स्थित कॉलेज के छात्रावास में सीटें छात्रों को नहीं मिल पाती हैं। छात्र बाहर रहकर पढ़ाई करते हैं। जबकि असामा’जिक त’त्व 10 में सात कमरों पर क’ब्जा जमाए हुए हैं। इसकी शिका’यत कॉलेज के प्राचार्य ने जिलाधिकारी से की है। साथ ही कहा है कि छात्रावास के परिसर का इस्तेमाल सरकारी कार्यों के लिए कर लिया जाए।

पुलिस को रहने के लिए छात्रावास का कमरा बेहतर है। इससे पहले प्राचार्य ने विभाग से स्टेडियम बनाने की भी अपील की थी। प्राचार्य ने कहा कि इसकी पूर्व में कई जगहों पर शि’कायत की है। 12 एकड़ का प्लॉट पूरी तरह से असुर’क्षित है। कक्षा के अलावा छात्रवास की भी सुविधा है। कई सालों से क’ब्जा कर लोग रह रहे हैं।

छात्रावास का तीन कमरा खाली है। वह छात्रों को नहीं दिया जा सकता है। चार सौ के करीब छात्र नामांकित हैं। इसमें कई सारे छात्र बाहर के हैं जो किराए के मकान में रहकर पढ़ाई करते हैं। अगर छात्रावास खाली हो जाए तो उन छात्रों को दिया जा सकता है। वरना प्रशासन अपने क’ब्जे में ले ले।

प्राचार्य ने कहा कि परिसर काफी बड़ा है। इसके दोनों गेट टू’टे हुए हैं। ऐसी स्थिति में कोई भी परिसर में दिन-रात आ जा सकता है। नाइट गार्ड की सुविधा नहीं है। इसके लिए विश्वविद्यालय को भी पत्र लिखा गया है। खाली जमीन पर पांच हजार के करीब पौधे लगाए गये हैं। गेट नहीं होने और कर्मियों की कमी की वजह से कई पौधे सूख गए हैं। परिसर को बचाने की जवाबदेही मेरी है, इसलिए जिला प्रशासन से आग्रह किया गया है कि वे खाली छात्रावास या जमीन पर सरकारी कार्य कर सकते हैं।

प्राचार्य द्वारा दिए गए इस पत्र का जवाब जिलाधिकारी ने टीएमबीयू प्रशासन से पूछा है। हालांकि यह टीएमबीयू अंतर्गत नहीं आता है। इसलिए रजिस्ट्रार के कार्यालय से यह पत्र प्रॉक्टर को गया है। प्रॉक्टर कार्यालय द्वारा सोमवार को इसका जवाब लिखकर जिला प्रशासन को भेज दिया जाएगा। प्राचार्य ने कहा कि वे जिलाधिकारी के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
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