बिहार : एसकेएमसीएच की पीआईसीयू में भर्ती वैशाली के एक बच्चे (5) में मंगलवार को एईएस की पुष्टि हुई है। उसे 11 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। उसमें हाइपोग्लाइसीमिया पाया गया है और इलाज चल रहा है। वहीं, एईएस संदि’ग्ध तीन अन्य बच्चे भी भर्ती कराए गए। जिला प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट जारी की है।
मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल एसकेएमसीएच में अबतक 12 बच्चों में एईएस की पुष्टि हो चुकी है। एईएस के संदिग्ध मरीजों की संख्या भी अब पांच हो गई है। इसके अलावा पीआईसीयू में दो अन्य बच्चे भी भर्ती हैं। अन्नोन एईएस से इस वर्ष जनवरी में एक बच्चे की मौ’त हो चुकी है।
एईएस पी’ड़ित नौ बच्चों को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। एईएस मरीजों में हाइपोग्लाइसीमिया के साथ डीइलेक्ट्रोलाइसीमिया भी मिले हैं। डीइलेक्ट्रोलाइसिमिया से शरीर में नमक और दूसरे तत्वों की कमी एक साथ हो रही है। इसके अबतक दो केस मिल चुके हैं। पिछले वर्ष हाइपोग्लाइसीमिया व डीइलेक्ट्रोलाइसीमिया के 16 केस मिले थे। डॉक्टरों का कहना है कि लू लगने के कारण इस तरह की स्थिति हो रही है।
शिशु रो’ग विशेषज्ञ ने बताया कि तेज गर्मी से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट गि’र जाते हैं। इससे बच्चा बे’होश भी हो जाता है। इस वर्ष एक बच्चे में हीट हाइपरपीरेक्सिया का भी मामला मिला है। इसमें गर्मी या लू लगने के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है। तापमान बढ़ने के कारण च’मकी आती है।
डॉक्टरों के मुताबिक इसका असर दिमाग पर होता है। दो वर्ष के बाद जिले में न्यूरोसाइट्रोसिस का भी केस पाया गया है। इसमें खाने के रास्ते किसी कीड़े का दिमाग में पहुंच जाने से बच्चे में चम’की आने लगती है। न्यूरोसाइट्रोसिस का केस पिछले वर्ष नहीं आया था।
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