नवादा के गोविंदपुर थाना के माधोपुर गांव में तिहरे ह’त्याकां’ड से स’नसनी फैल गई। गांव में स’न्नाटा पसर गया। मृ’तक के परिजनों व पड़ोस में रो’ने चि’ल्लाने की आवाजें आ रही थी। वहीं ग्रामीणों में दह’शत का माहौल बना था। बताया जाता है कि आरो’पित अपनी पत्नी व बच्चों के साथ माधोपुर गांव में रहता था। परंतु दिन में वह अपने मवेशियों के लिए गांव से दूर जंगल किनारे बनाई गई झोपड़ीनुमा घर में रहता था।
वहीं आसपास खेती व मजदूरी का भी काम करता था। घ’टना के वक्त उसकी पत्नी सावित्री देवी अपनी दोनों बच्चियों के संग उसका खाना लेकर उसी झोपड़ीनुमा घर के पास गयी थी। इसी दौरान उसने पत्नी को झोपड़ी के आगे पड़े खटिया में बां’ध दिया और पसु’ली से ग’ला रे’त दिया, जिससे उसकी मौ’त हो गयी। इसके बाद उसने दोनों बच्चियों की भी ग’ला रे’त कर ह’त्या कर दी। पुलिस के मुताबिक उसे ग्रामीणों द्वारा घ’टना की सूचना मिली। सूचना पर गोविंदपुर थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस ने गांव पहुंचकर उसे गिर’फ्तार कर लिया। वह पुलिस से बचने के लिए गांव में ही छुप गया था। वहीं घट’नास्थल से तीनों के श’व बरा’मद किये गये। ग्रामीणों के मुताबिक ह’त्यारा पूर्व से ही सन’की कि’स्म का युवक था। मायके वालों के मुताबिक सावित्री की शादी करीब पांच वर्ष पूर्व माधोपुर गांव के श्रवण चौधरी के बेटे दीपक चौधरी से हुई थी। शादी के बाद उसकी दो बेटियां हुई। सब कुछ ठीक चल रहा था। परंतु पता नहीं पिछले कुछ दिनों से उसके घर पर आपस में क्यों झ’गड़ा चल रहा था। पिता के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवा’द चल रहा था।मायके वालों के गोविंदपुर थाना पहुंचने पर उनके ची’त्कार से सभी लोगों की आंखें नम हो गयी। वे लोग अपने बेटी के ह’त्यारों को माफ नहीं करने की बात कह रहे थे। ग्रामीणों के मुताबिक आ’रोपी दीपक ह’त्या करने के बाद खुद चलकर गोविंदपुर थाना आया और थाने में उसने सबके सामने स’रेंडर कर दिया। उसने पुलिस के सामने पत्नी व दोनों बेटियों की ह’त्या की बात कबूल की। बताया जाता है कि उसकी निशा’नदेही पर पुलिस ने घट’नास्थल पर पसु’ली बरा’मद किया।
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