बिहार के आरा जिले से गिरती स्वास्थ्य व्यवस्था की एक श’र्मनाक तस्वीर सामने आई है जहां एक पिता को बेटे की जा’न बचाने के लिए अपने मुंह से बच्चे के मुंह में सांस भरना पड़ा। पानी में डू’बे बच्चे को ऑक्सीजन की आवश्यकता थी मगर भव्य बिल्डिंग वाले सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी।
बेसु’ध बच्चे का इलाज शुरू करने से पहले ही स्टाफ ने सदर अस्पताल ले जाने की नसीहत दी क्योंकि वहां डॉक्टर भी नहीं थे। निजी अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चे की जा’न बचा ली है लेकिन, इस घ’टना से राज्य में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई है।मामला जिले के पीरो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। स्वास्थ्य केन्द्र में पीरो प्रखंड के शिवनाथ टोला निवासी अर्जुन चौधरी अपनी पत्नी के साथ तीन साल के बेटे को लेकर इलाज कराने के लिए पहुंचे। बताया जा रहा है कि गांव में पानी से भरे नाले में डू’बने के कारण मासूम बच्चे की स्थिति गं’भीर बनी हुई थी। बच्चे के माता पिता उसे लेकर पीरो अस्पताल पहुंचे हैं, लेकिन अस्पताल में बच्चे को बगै’र छुए ही आरा जाने को कह दिया गया है।
बच्चा बेसु’ध था और उसकी जा’न बचाने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत वहां के स्टाफ ने बताई। लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं था। इसलिए अर्जुन चौधरी को बच्चे को कहीं और ले जाने के लिए कह दिया गया। बच्चे की ख’राब होती हाल’त को देखते हुए पिता अर्जुन चौधरी ने खुद प्रयास शुरू कर दिया। बच्चे की सां’स बचाने के लिए पिता अर्जुन चौधरी अपने मुंह से बच्चे के मुंह में सां’स भरने लगे। पीरो सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र से बच्चे को मुंह से सां’स भरते हुए एक नीजी अस्पताल में ले जाया गया जहां प्राइवेट डॉक्टरों ने बच्चे की जा’न बचा ली।वीडियो वायरल होने के बाद पीरो अस्पताल में कु’व्यवस्था और चि’कित्सकों की लाप’रवाही को लेकर आम लोग भी आलो’चना कर रहे हैं। बजरंग दल के नेता पंचम बजरंगी ने इस घट’ना को श’र्मनाक बताते हुए पीरो अस्पताल प्रबंधन पर तत्काल का’र्रवाई की मांग की है। वहीं भाजपा नेता मदन स्नेही ने भी अस्पताल प्रबंधन और यहां तैनात चिकित्सकों पर मनमानी की जांच कराकर दो’षी पर कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अखिलेश कुमार ने आ’रोपों को ग’लत बताते हुए कहा कि बच्चे की हा’लत गं’भीर होने के कारण उसे आरा ले जाने की बात कही गई थी।इस मामले में आरा के सिविल सर्जन ने कहा कि पीरो अस्पताल में इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है। किस परिस्थिति में बच्चे को रे’फर किया गया इसकी जांच की जाएगी। पता लगाया जा रहा है कि जब बच्चे को लाया गया था उस समय डॉक्टर मौजूद थे या नहीं। दो’षी पाए जाने पर का’र्रवाई की जाएगी।
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