बिहार: एक मां के लिए उसके बच्चों से बढ़कर शायद ही कुछ होता हैं। जो मां एक पल भी अपनी आंखों से बच्चे को ओझल ना करे। ऐसे में कोई मां अपने ही बच्चे का सौ’दा कैसे कर सकती हैं। दरअसल, मामला समस्तीपुर के पटोरी का हैं जहां एक मां अपने छह वर्ष के बेटे को बे’चकर फ’रार हो गई थी।बच्चे की दादी और पिता की शिका’यत के बाद पटोरी पुलिस ने लगभग 8 महीने बाद बच्चे को रेस्क्यू कर चाइल्डलाइन, समस्तीपुर को सौंप दिया है। रविवार को न्यायालय के आदेश पर बच्चे को प्रयास बाल गृह में रखा गया है। बच्चे की मां का पता नहीं चल रहा है। फिलहाल बच्चा प्रयास बालगृह में रह रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, पटोरी थाना क्षेत्र की चकसाहो पंचायत स्थित चांदपुरा, फतेहपुर निवासी गेना महतो की पत्नी चिंता देवी ने पटोरी पुलिस से 20 सितंबर 2021 को मानव व्यापार के लिए बेचे गए अपने पोते को मुक्त कराने की गुहार लगाई थी। कार्रवाई नहीं होने पर फिर पिता इंद्रदेव महतो ने 20 जनवरी 2022 को पटोरी थाने में आवेदन दिया। चिंता देवी ने आवेदन में बताया था कि उनकी पुत्रवधू सरिता देवी 28 मार्च 2021 से ही अपने बेटे के साथ पटोरी बाजार में गणेश प्रसाद गुप्ता के मकान में भाड़े पर रह रही थी। ससुराल से पटोरी आने के बाद वह फिर वापस नहीं गई।
खबरों के मुताबिक, सरिता ग’लत आशय से गणेश कुमार गुप्ता के हाथों बेटे को बे’च किसी के साथ फरा’र हो गई। विदित हो कि सरिता पहले भी अपनी एक नाबा’लिग बेटी को वैशाली जिले के सहदेई बुजुर्ग में किसी व्यक्ति के हाथों बे’च चुकी है।
पुलिस द्वारा मिली जानकारी में गणेश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि सरिता अपने पुत्र के साथ मार्च 2021 में उनके घर किराये पर रहने के लिए आई थी। 27 मई 2021 को सरिता उनसे 50 हजार रुपये नगद लेकर बेटे को उनके पास छोड़ गई। सरिता ने गणेश को लिखकर दे दिया कि भविष्य में उसका इस बच्चे से कोई लेना-देना नहीं होगा और इस पर कोई दावा नहीं करूंगी।

शर्म’शार: अपने ही बच्चों को बे’च दिया मां ने, आखिर क्या थी वजह?
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from CRIMEMore posts in CRIME »
More from SAMASTIPURMore posts in SAMASTIPUR »
Be First to Comment