गोपालगंज : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बहु का मुखिया बनने का सपना टूट गया है। साफ शब्दों में कहें तो उन्हें करारी हार मिली है। इससे उनके परिवार और समर्थकों में मायूसी छा गयी है।
राजद सुप्रीमो की बहू सावित्री देवी गोपालगंज की फुलवरिया पंचायत से मुखिया पद के लिए चुनाव के मैदान में अपनी किस्तम आजमा रही थीं। हालांकि, वह पहली बार पंचायत चुनाव लड़ रही थी। इस हार से उनके घर परिवार और समर्थकों के बीच मायूसी छा गयी है।
जानकारी हो कि सावित्री देवी के ससुर स्व. मंगरु यादव राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े भाई थे। वह मंगरु यादव के बेटे रामानंद यादव की बहू हैं। इस प्रकार लालू प्रसाद यादव सावित्री देवी के दादा ससुर हैं।
बिहार के राजनैतिक घराने से ताल्लुक रखने वाली सावित्री देवी ने ग्राम पंचायत राज फुलवरिया से मुखिया पद के लिए अपनी उम्मीदवारी दर्ज करायी थी। वह रामानंद यादव के पुत्र सुधीश यादव की पत्नी हैं। हालांकि, यह उनका पहला ही प्रयास था। लेकिन, लालू प्रसाद की पतोहू की हार से यह चर्चा का विषय बन गया है। सावित्री देवी को अलताफ हुसैन नामक उम्मीदवार ने पटखनी दी है।
बताया जा रहा है कि सावित्री देवी के पक्ष में पंचायत में जोरदार चुनाव प्रचार किया गया था। लोगों को व्यक्तिगत तौर पर भी संपर्क किया गया था। लेकिन, जनता ने उन्हें वोट नहीं दिया। चुनाव में अल्ताफ हुसैन को 1768 वोट मिले। जबकि सावित्री देवी को महज 701 वोट ही मिल सके। जानकारी हो कि चुनाव में सावित्री देवी चौथे नंबर पर रहीं।
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